मथुरा में कब मनेगी जन्माष्टमी (सौ.सोशल मीडिया)
भगवान श्रीकृष्णा का जन्मदिन यानि जन्माष्टमी का त्योहार देशभर में 26 अगस्त को मनाया जाने वाला हैं इसे लेकर तैयारियां अंतिम दौर पर चल रही हैं वहीं पर भगवान की जन्मस्थली कहे जाने वाले मथुरा और वृंदावन में भी भव्य आयोजन की तैयारियां चल रही हैं यहां पर जन्माष्टमी का नजारा देखने लायक होता हैं। ऐसे में यहां पर जन्माष्टमी का त्योहार कब मनाया जाएगा इसे लेकर हर कोई जानकारी चाहते है। इस बार जन्माष्टमी पर आप नंदलाला के दर्शन करना चाहते हैं या पूजा का वैभव लेना चाहते हैं तो यहां पर बताए जा रहे शेड्यूल के बारे में जान सकते है।
यहां पर जन्माष्टमी का उत्सव भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाने वाली हैं जिसे लेकर धार्मिक मान्यताओं की मानें तो, कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात के समय रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए हर वर्ष इसी दिन बड़े ही धूमधाम के साथ कान्हा जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन नंद गोपाल की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इतना ही नहीं मंदिर से लेकर घरों में लड्डू गोपाल का जन्म कराया जाता है और फिर उनका श्रृंगार कर के पालना में बैठाकर झूला झूलाया जाता है।
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यहां पर जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त क्या हैं इसके बारे में आपको जानना चाहिए जो इस प्रकार है..
अष्टमी तिथि आरंभ – 26 अगस्त 2024 को 03:39 एएम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – 27 अगस्त 2024 को 02:19 एएम बजे
रोहिणी नक्षत्र आरंभ – 26 अगस्त 2024 को 03:55 पीएम बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 27 अगस्त 2024 को 03:38 पीएम बजे
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आपको बताते चलें कि, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में कान्हाजी के जन्मदिवस का उत्सव 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन मध्य रात्रि को श्रीकृष्ण जन्म स्थान के मंदिर परिसर में कान्हा जी का पंचामृत अभिषेक होगा। इसके बाद पूरे विधि-विधान के साथ यशोदा के नंदलाल का पूजन किया जाएगा। इसके अलावा कृष्ण जी लीलास्थली कहे जाने वाले वृंदावन में 27 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की जाएगी। बता दें कि बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन ही मंगला आरती होती है। जन्माष्टमी के दिन रात के समय भगवान कृष्ण का अभिषेक किया जाएगा।
Shri Krishna Janmashtami is celebrated in the most zestful way.
How are you celebrating this year?
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माना जाता हैं कि, जन्माष्टमी की रात 12 बजे बांके बिहारी जी का बाला महाभिषेक होगा, ये करीब 2 घंटे चलता है। कहते हैं कि ठाकुर जी का बाला महाभिषेक भी साल में एक बार ही होता है। इसके बाद कान्हा जी को पीतांबरी पोशाख और चिरौंजी मेवे से बनी पंजीरी का भोग लगाया जाएगा।