
जयराम रमेश ने खोला कांग्रेस का अंदरूनी राज (फोटो- सोशल मीडिया)
Jairam Ramesh Statement: कांग्रेस के भीतर क्या चल रहा है, इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बड़ा और दिलचस्प बयान दिया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि पार्टी के कुछ जाने-माने सांसद अक्सर अपनी ही पार्टी और नेताओं की आलोचना करते रहते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पार्टी इस पर कोई सख्त कार्रवाई करने के बजाय इसे चुपचाप सह लेती है। आखिर ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे कांग्रेस की क्या सोच है, जयराम रमेश ने इसका बहुत ही अनोखा कारण बताया है जो अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
जयराम रमेश ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस ही देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जो पूरी तरह लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलती है। उनके अनुसार, यहां न केवल बोलने की आजादी है, बल्कि बोलने के बाद भी आजादी कायम रहती है। उन्होंने पार्टी की तुलना पवित्र गंगा नदी से करते हुए कहा कि हम गंगा की तरह विशाल हैं, जिससे ढेर सारी सहायक नदियां निकलती रहती हैं। उनका कहना है कि अगर कोई कड़वी बात भी बोलता है, तो भी कांग्रेस में सबको साथ लेकर चलने का भाव हमेशा बना रहता है, जो शायद किसी और दल में नहीं दिखता।
जयराम रमेश ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय समाज का आईना है और यही कारण है कि यह पिछले 140 सालों से मजबूती से टिकी हुई है। उन्होंने इसे समाज की अंतरात्मा बताया। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह साफ कर दिया कि पार्टी के उदारवादी ढांचे में विरोध के सुरों के लिए भी पूरी जगह है। उनका मानना है कि सांसद अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं और यही लोकतंत्र की असली पहचान है। उनका यह बयान उन आलोचकों के लिए भी एक जवाब है जो अक्सर पार्टी के भीतर उठने वाले विरोधी स्वरों को अनुशासनहीनता मानते हैं, जबकि रमेश इसे पार्टी की लोकतांत्रिक ताकत बताते हैं।
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अपनी पार्टी की बात रखने के साथ-साथ उन्होंने मोदी सरकार पर भी तीखा हमला बोला। मनरेगा का नाम बदलने की खबरों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने सरकार को री-पैकेजिंग और ब्रांडिंग का ‘मास्टर’ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले निर्मल भारत को स्वच्छ भारत और ग्रामीण एलपीजी योजना को उज्ज्वला बना दिया। जयराम रमेश ने तीखा सवाल उठाया कि ये लोग पंडित नेहरू से तो नफरत करते ही हैं, लेकिन लगता है अब महात्मा गांधी से भी दिक्कत है। उन्होंने पूछा कि महात्मा गांधी नाम में क्या गलत है जो मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू रोजगार गारंटी योजना करने की तैयारी हो रही है?






