K-6 मिसाइल (सांकेतिक तस्वीर- AI)
नई दिल्ली: हिंदुस्तान एक बार फिर अपने दुश्मनों खासकर पाकिस्तान की नींद उड़ाने जा रहा है। भारत अपनी K-6 हाइपरसोनिक मिसाइल का समुद्री परीक्षण करने के लिए तैयार है। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया जा रहा है, जिसे भारत की आगामी S-5 श्रेणी की परमाणु पनडुब्बी में तैनात किया जा सकता है।
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल K-6 की गति और रेंज ब्रह्मोस मिसाइल से बेहतर होगी। यह मिसाइल भारत को पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देशों का अधिक प्रभावी ढंग से विरोध करने में मदद करेगी। हैदराबाद स्थित DRDO की एडवांस्ड नेवल सिस्टम्स लेबोरेटरी में विकसित की जा रही K-6 भारत की सबसे उन्नत और घातक मिसाइलों में से एक है।
एटमी क्षमता सेल लैस पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली यह हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल भारत को दुनिया के ताकतवर देशों की सूची में ला खड़ा करेगी। जिन S-5 श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों से K-6 को लॉन्च किया जाएगा, वे मौजूदा अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियों से बड़ी और अधिक शक्तिशाली होंगी। इन्हें भारी वारहेड और मिसाइल ले जाने के लिए विकसित किया जा रहा है।
K-6 मिसाइल हाइपरसोनिक गति तक पहुँचने में सक्षम होगी। हाइपरसोनिक का मतलब है मैक 7.5 (ध्वनि की गति से साढ़े सात गुना) या 9,200 किलोमीटर प्रति घंटा। मिसाइल की रेंज 8,000 किलोमीटर है, जिसका अर्थ है कि यह कुछ ही मिनटों में दुश्मन के इलाके में गहराई तक हमला कर सकती है। हाइपरसोनिक गति के कारण, यह मिसाइल अधिकांश एंटी-मिसाइल रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती है।
K-6 मिसाइल में मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक है। इससे एक ही मिसाइल कई लक्ष्यों पर सटीकता से हमला कर सकेगी, जिससे हमले और रक्षा दोनों ही तरह के ऑपरेशन में इसकी प्रभावशीलता बढ़ जाएगी। यह मिसाइल परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है जिनका इस्तेमाल विभिन्न युद्ध परिदृश्यों में किया जा सकता है।
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K-6 भारत के पास उपलब्ध पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलों या SLBMs जैसे K-4 (3,500 किलोमीटर की रेंज) और K-5 (6,000 किलोमीटर तक) का आधुनिक संस्करण है। इसकी गति और विध्वंसक क्षमता दोनों ही ब्रह्मोस मिसाइल से ज़्यादा होगी।
K-6 मिसाइल की लंबाई 12 मीटर से ज़्यादा और व्यास 2 मीटर से ज़्यादा होगा। केवल कुछ चुनिंदा देशों के पास ही उन्नत हाइपरसोनिक और MIRV से लैस मिसाइल सिस्टम हैं या वे इसे विकसित कर रहे हैं। ये देश हैं संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम और भारत K-6 मिसाइल के सफल समुद्री परीक्षण के साथ उनमें से एक होने जा रहा है।