
रेवंत रेड्डी (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क : तेलंगाना के प्रमुख कांग्रेस नेता, रेवंत रेड्डी का राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ावों से भरा हुआ रहा है, लेकिन उनके संघर्ष और समर्पण ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है। उनका जन्म अविभाजित 8 नवंबर 1969 को आंध्र प्रदेश के महबूबनगर जिले में हुआ था। राजनीति में कदम रखने से पहले, रेवंत रेड्डी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की थी और छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि लेना शुरू कर दी थी।
रेवंत ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी, बाद में उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) जॉइन की। 2009 में, रेवंत रेड्डी ने आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत की। इस जीत से उनके राजनीतिक प्रभाव का स्पष्ट संकेत मिला। 2014 में उन्हें तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन का नेता चुना गया था, लेकिन 2017 में उन्होंने टीडीपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी जॉइन की। कांग्रेस में उनका स्वागत हुआ और पार्टी ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मल्काजगिरी सीट से उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने मामूली अंतर से जीत दर्ज की।
रेवंत रेड्डी की राजनीति में सबसे अहम मोड़ 2021 में आया, जब उन्हें तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति से कांग्रेस पार्टी को राज्य में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की उम्मीद जगी। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने राज्य में संगठन को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए। 2023 में, रेवंत ने कोडांगल विधानसभा क्षेत्र से एक और बड़ी जीत दर्ज की, जो उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक ताकत को दर्शाता है।
रेवंत रेड्डी का व्यक्तिगत जीवन भी बहुत दिलचस्प है। वह फुटबॉल के शौकिन हैं और अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना के बड़े प्रशंसक हैं। वे मांसाहारी हैं, लेकिन शराब का सेवन नहीं करते। उनकी एक बेटी निमिषा रेड्डी है, जो एक बिजनेसमैन से शादी कर चुकी हैं।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी अपने जन्मदिन के खास मौके पर आज यादाद्री का दौरा करेंगे। इस यात्रा के दौरान, वह प्रसिद्ध लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। मंदिर के दर्शन करने के बाद, मुख्यमंत्री वेलिगोंडा मंडल के संगम गांव जाएंगे, जहां वे 3 पायला क्षेत्र स्थित भीम लिंगम मंदिर में भी पूजा करेंगे। मुख्यमंत्री का यह धार्मिक दौरा उनके जन्मदिन समारोह का अहम हिस्सा बनेगा, जो आध्यात्मिक सोच और स्थानीय समुदाय से जुड़ाव का महत्वपूर्ण अवसर होगा।
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