
बांग्लादेशी नौसेना मिसाइल परीक्षण करेगी। इमेज-सोशल मीडिया
Bangladesh Navy Missile Firing: बांग्लादेशी नौसेना सोमवार और मंगलवार को कॉक्स बाजार और हटिया समुद्री क्षेत्रों में मिसाइल फायरिंग करेगी। यह जानकारी बांग्लादेशी इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) डायरेक्टोरेट ने दी है। बांग्लादेशी नौसेना की यह फायरिंग भारत के साथ तनाव के बीच हो रही। भारत और बांग्लादेश में राजनयिक स्तर पर तनाव बढ़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त जमीनी सीमा पर भी भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेशी बॉर्डर गार्ड्स के बीच तनातनी दिखी है।
इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) डायरेक्टोरेट ने शनिवार को मिसाइल फायरिंग की जानकारी देते हुए कुछ खास दिशा-निर्देश भी जारी किए। इसमें मिसाइल फायरिंग के दौरान जान-माल की सुरक्षा के लिए सभी पानी के जहाजों, मछली पकड़ने वाली नावों और ट्रॉलरों से उन इलाकों से दूर रहने का अनुरोध शामिल हैं।
बांग्लादेश की नौसेना अपेक्षाकृत छोटी है। भारत से काफी कमजोर भी है। इसका मुख्य फोकस बांग्लादेश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करना है। रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत नौसेना समुद्री सुरक्षा, नौसैनिक रक्षा, निगरानी और आपदा राहत अभियान चलाती है। बांग्लादेशी नौसेना में 7 युद्धपोत हैं। इनमें से दो फ्रिगेट हैं। इसके अतिरिक्त 6 कॉर्वेट, 2 पनडुब्बियां, दो बड़े गश्ती पोत, 5 ऑफशोर पेट्रोलिंग वेसल, 4 फास्ट अटैक मिसाइल क्राफ्ट, दो सर्वे पोत, 15 एम्फीबियस पोत और 3 डाइव बोट हैं।
बांग्लादेश अपनी नौसेना को लगातार अपग्रेड कर रहा। शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने फोर्सेस गोल 2030 नामक दीर्घकालिक आधुनिकीकरण योजना बनाई थी। इसके तहत बांग्लादेश ने चीन से कई बड़े हथियारों की खरीद की है। इसके अलावा बांग्लादेश नौसेना पटुआखाली के रबनाबाद में बीएनएस शेर-ए-बांग्ला नामक नया बेस स्थापित कर रही। यह बांग्लादेश का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा होगा। बांग्लादेशी नौसेना कॉक्स बाजार में एक पनडुब्बी अड्डा भी स्थापित कर रही।
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1971 में बांग्लादेश की आजादी के साथ बांग्लादेश और भारत के रिश्ते शुरू हुए। तब भारत की भूमिका, विशेष रूप से पाकिस्तान के साथ युद्ध में बांग्लादेश का समर्थन, इतिहास की निर्णायक घटना थी। आज यही रिश्ते तनाव और अविश्वास की गहराई तक हैं। 2024 के अगस्त में शेख हसीना का सत्ता से हटना और बांग्लादेश में अस्थायी सरकार का गठन, दोनों देशों के बीच माने जाने वाले स्वर्णिम युग के पतन का प्रतीक बन गया।






