बी.सुदर्शन रेड्डी, फोटो- सोशल मीडिया
B. Sudarshan Reddy praised Rahul: मुलाकात के दौरान रेड्डी ने कहा कि वो थोड़ा सा नर्वस हैं और साथ ही रोमांचित भी हैं। राम मनोहर लोहिया के एक कथन को याद करते हुए रेड्डी ने राहुल की तारीफ की औक कई मामलों में उनके प्रयासों की सराहना की।
बी. सुदर्शन रेड्डी ने समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के प्रसिद्ध कथन को याद करते हुए कहा “जब सड़क खामोश होती है, तो संसद आवारा हो जाती है।” रेड्डी ने इस संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सराहना की और कहा कि वे सड़कों पर सन्नाटा नहीं रहने देते।
रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी सरकारों को फैसले लेने पर मजबूर कर देते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि तेलंगाना सरकार को जाति जनगणना के लिए राजी करना राहुल गांधी की ही सक्रियता का परिणाम है। रेड्डी ने कहा, ‘यह उनकी आदत और स्वभाव बन गया है कि वे लगातार चुनौतियों का सामना करते हुए जनता के मुद्दों को सड़कों से संसद तक उठाते हैं।’
उन्होंने स्वीकार किया कि इस पद के लिए उम्मीदवार बनने पर वे थोड़ा नर्वस भी हैं और रोमांचित भी। रेड्डी ने कहा कि वे संसद में हो रही चर्चाओं को ध्यान से सुनते हैं और देशभर की गतिविधियों को बारीकी से फॉलो करते रहते हैं। उनका मानना है कि जनता की आवाज और लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच संतुलन बनाए रखना काफी जरूरी है।
Lohia once said “Jab Sadak Khamosh hoti hai, Sansad Awara ho jati hai”
But Rahul Gandhi never allows streets to be silent. It is in his nature & fighting spirit.
— SC Judge B Sudarshan Reddy 🔥 pic.twitter.com/1ehMpBDfJV
— Ankit Mayank (@mr_mayank) August 20, 2025
जाति जनगणना के मुद्दे पर रेड्डी ने कहा कि जब इस प्रक्रिया की रिपोर्ट तैयार की गई थी, तब उन्होंने ही चेतावनी दी थी कि यह वर्तमान सत्ताधारी दल के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी। आज वही सच होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार इसे गंभीरता से एक व्यवस्थित अध्ययन की तरह करेगी या केवल औपचारिकता निभाएगी।
उन्होंने बिहार के बारे में बात करते हुए रेड्डी ने कहा कि मतदान का अधिकार जनता के हाथ में एकमात्र लोकतांत्रिक हथियार है। अगर इसे कमजोर करने की कोशिश की जाएगी तो लोकतंत्र का भविष्य संकट में पड़ जाएगा। उनके अनुसार बिहार जिस तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है वो न केवल राज्य बल्कि पूरे संविधान और लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरे की घंटी है।
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रेड्डी ने अपने बातों से साफ किया कि जनता की भागीदारी और सड़कों की सक्रियता ही संसद को जवाबदेह बना सकती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब लोग अपनी आवाज बुलंद करें और सत्ता से सवाल पूछें। इसी संदर्भ में उन्होंने लोहिया का कथन दोहराते हुए कहा कि अगर सड़कें खामोश हो जाएं तो संसद अपनी जिम्मेदारी से भटक जाती है।