
पोषक तत्वों से भरपूर होता है 'मकोय का साग' (सौ.सोशल मीडिया)
Makoy Saag Benefits:सर्दी का मौसम आते ही कई तरह की बीमारियां घेरने लगती है। इसलिए, इस मौसम में सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। बदलते मौसम से वायरल इंफेक्शन बहुत ही जल्दी फैलने लगता है। वहीं, यह मौसम शरीर को भीतर से मजबूत बनाने का भी सुनहरा मौका देता है। क्योंकि, इस मौसम में हरी एवं मौसमी फल-सब्जियां की बहार आ जाती है।
आयुर्वेद में सदियों से ऐसे कई देसी साग-सब्जियों का जिक्र मिलता है, जो सर्दियों में शरीर को गर्मी, ताकत और रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं। इन्हीं में से एक बेहद असरदार है ‘मकोय का साग’, जिसे गांवों में लोग पीढ़ियों से खाते आ रहे हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, मकोय का साग शरीर के दोषों को संतुलित करता है, खासकर वात और कफ दोष को शांत करता है। वहीं विज्ञान की नजर से देखें, तो मकोय में आयरन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन ए, सी और कई एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं। यह साग सर्दियों में शरीर को अंदर से ऊर्जा देता है और कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट्स बताते है कि, मकोय का साग खून की कमी को दूर करने में मदद करता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन में भी यह फायदेमंद माना जाता है। ठंड के मौसम में इसका सेवन शरीर को गर्म रखने में भी सहायक होता है।
आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, मकोय का साग पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी मदद करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में सर्दियों के मौसम इसका सेवन लोग नियमित रूप से करते है।
सर्दियों में सर्दी, खांसी और जुकाम आम समस्या होती है। आयुर्वेद मानता है कि मकोय की तासीर हल्की गर्म होती है, जो शरीर में जमी ठंड को बाहर निकालती है। यह साग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
विज्ञान भी कहता है कि विटामिन सी और फाइटोकेमिकल्स शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। नियमित सेवन से शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनता है और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम होती है।
जोड़ों के दर्द और सूजन सर्दियों में खासतौर पर बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद में मकोय को सूजन कम करने वाला माना गया है। इसमें मौजूद तत्व शरीर के भीतर जमा सूजन को धीरे-धीरे कम करते हैं।
विज्ञान के अनुसार, मकोय में ऐसे प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो सूजन पैदा करने वाले तत्वों को शांत करते हैं। इससे घुटनों, कमर और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
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त्वचा रोगों में भी मकोय का साग बेहद असरदार है। आयुर्वेद कहता है कि जब खून साफ होता है, तो त्वचा अपने आप स्वस्थ हो जाती है। मकोय खून को साफ करता है, जिससे फोड़े-फुंसी, खुजली और दाग-धब्बों में सुधार आता है। विज्ञान भी मानता है कि इसके एंटीऑक्सीडेंट त्वचा कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और त्वचा को अंदर से चमक देते हैं।






