
किचन का धुंआ भी सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक (सौ.सोशल मीडिया)
Kya Ghar Ke Andar Ki Hawa Jaanleva Hai: देशभर में नवंबर महीने की शुरुआत होते ही मौसम के रंग बदलने लगी है। कहीं आसमान काले बादलों से ढका है तो कहीं सुबह-सुबह धुंध की चादर छाई है। अगर बात धुंध की करें तो, नवंबर में धुंध छाने के मुख्य कारण वायु प्रदूषण और तापमान में गिरावट देखी जा रही है।
जैसा कि आप जानते है कि, बदलते मौसम में प्रदूषण का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाता है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि प्रदूषण केवल घर के बाहर ही है, लेकिन ऐसा नहीं हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पॉल्यूशन घर के अंदर भी होता हैं। घर के अंदर जलने वाली अगरबत्ती, धूपबत्ती, और किचन से निकलने वाली धुआं भी सेहत के लिए किसी नुकसान से कम नहीं हैं।
आपको बता दें, ये इनडोर एयर पॉल्यूशन होता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि, अगरबत्ती, धूपबत्ती जैसी चीजों में वॉलेटाइल ऑर्गैनिक कंपाउंड्स होते हैं।
लंबे समय तक इन स्थानों में रहने से फेफड़ों में सूजन, और लगाातर खांसी आने की समस्या होने लगती हैं। खासतौर पर जिन लोगों को पहले से ही सांस से जुड़ी कोई स्वस्थ समस्या है तो उनको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
यहां डॉ मित्तल बताते हैं कि किचने से निकलने वाला धुंआ भी सेहत के लिए खतरनाक हो सकते है। डॉ मित्तल के मुताबिक,जो घर बिना चिमनी या वेंटिलेशन के खाना बनाते हैं, वहां का प्रदूषण बाहर की हवा से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
ये भी प्रदूषण की तरह ही खतरनाक हो सकता है। इसमें भी प्रदूषण की तरह खतरनाक कण होते है। ऐसे में आपके जरिए जरूरी है कि अपने घर में वेंटिलेशन की व्यवस्था हो, ताकि घर में होने वाले प्रदूषण से बचाव किया जा सकता है।
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