
घी के फायदे (सौ.सोशल मीडिया)
Ghee Benefits In Winter: ठंड का मौसम जारी है इस मौसम में स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह के परेशानियां होने लगती है। ठंडी हवाओं से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना ही काफी नहीं है बल्कि खानपान पर भी ध्यान देना भी बहुत जरूरी हो जाता है। सर्दियों में लोग सर्दी-खांसी, जुकाम और अन्य बीमारियों से परेशान रहते हैं।
इस मौसम में फिट रहने के लिए आपको ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए, जिससे शरीर में गर्माहट बरकरार रहे और आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं। सर्दियों की डाइट में आप घी शामिल कर सकते हैं।
अगर बात देसी घी की करें तो, यह सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने वाली चीज नहीं है, बल्कि भारत का सदियों से माना जाने वाला असली सुपरफूड है। हमारे यहां घी को ताकत, ओज और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है। आज विज्ञान भी मानता है कि देसी गाय का घी दुनिया के सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार, देसी घी में मौजूद सीएलए, ब्यूट्रेट, ओमेगा-3, विटामिन ए, डी, ई, के2 और कई तरह के फैटी एसिड इसे एक सम्पूर्ण औषधि बना देते हैं। आयुर्वेद में इसे योगवाही कहा गया है जो दूसरी औषधियों की क्षमता भी बढ़ा देता है।
एक्सपर्ट्स बताते है कि, घी की सबसे खास बात है कि यह पाचन को मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद ब्यूट्रिक एसिड आंतों को हील करता है, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और एसिडिटी को शांत करता है और अग्नि को बढ़ाता है।
कहते है, मस्तिष्क के लिए तो घी किसी अमृत से कम नहीं है। यह मस्तिष्क को स्निग्धता देता है, याददाश्त सुधारता है और तनाव कम करने में मदद करता है।
महिलाओं में हार्मोन बैलेंस, पीसीओडी, थायराइड और पीरियड से जुड़ी समस्याओं में भी घी के अच्छे प्रभाव माने जाते हैं।
हड्डियों और जोड़ों के लिए भी घी बेहद फायदेमंद है, क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन के2 कैल्शियम को सही जगह हड्डियों में जमा करता है। जॉइंट्स में स्नेहन बढ़ता है और दर्द कम होता है। सर्दियों में घी शरीर को गर्माहट देता है, वायरल इंफेक्शन से बचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
आयुर्वेद में घी को रसायन, मेध्य (दिमाग के लिए टॉनिक) और उम्र बढ़ाने वाला बताया गया है। यह वात-पित्त-कफ तीनों दोषों को संतुलित करता है और शरीर की हर धातु को पोषण देता है। चरक संहिता में घी को हर ऋतु में सेवन करने योग्य सर्वश्रेष्ठ स्निग्ध बताया गया है।
घी के कई घरेलू उपयोग आज भी लोग करते हैं, जैसे सर्दी-खांसी में अदरक वाला घी, त्वचा के लिए हल्दी-घी का लेप, कब्ज में रात को घी वाला गुनगुना दूध, बालों के झड़ने में घी की मालिश और दिल की सेहत के लिए लहसुन के साथ घी का सेवन।
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बच्चों को थोड़ी मात्रा में शहद के साथ घी दिया जाता है ताकि पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो। आंखों के सूखेपन में त्रिफला घी, एसिडिटी में घी का सेवन और नस्य के रूप में घी की 1-2 बूंदें भी पारंपरिक उपायों का हिस्सा है।






