गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (सोर्स: सोशल मीडिया)
पणजी: गोवा विधानसभा का 15 दिवसीय मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। मानसून सत्र से पहले इसकी तैयारियों की समीक्षा करने के के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों ने मंगलवार को एक बैठक की। इस बैठक में सरकार में भाजपा की सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) नहीं पहुंची। इसके बाद सरकार में मतभेद की चर्चाएं तेज हो गई है।
इस मुद्दे पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस बैठक में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी को छोड़कर सभी गठबंधन सहयोगी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि एमजीपी विधायक दल के नेता सुदीन धवलीकर ने पहले ही उनकी अनुपस्थिति के बारे में सूचित कर दिया था।
भाजपा की गोवा इकाई के अध्यक्ष दामोदर नाइक, सत्तारूढ़ पार्टी और सहयोगी दलों के मंत्री एवं विधायक इस बैठक में शामिल हुए, जिनमें निर्दलीय विधायक डॉ. चंद्रकांत शेट्टी, एंटोन वास और एलेक्सी रेजिनाल्डो लौरेंको भी उपस्थित थे। सावंत ने कहा कि बैठक के दौरान आगामी सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों और प्रस्तावों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने विधानसभा में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘गोवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन’ 2027 के लिए विचार-मंथन शुरू कर दिया है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘भारत एआई मिशन’ के अनुरूप होगा। सावंत ने कहा कि गोवा एआई परिषद की घोषणा जल्द ही की जाएगी, जिसमें मिशन की रूपरेखा तैयार करने के लिए सरकारी प्रतिनिधि और उद्योग के हितधारक शामिल होंगे।
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बता दें कि गोवा को एक दिन पहले ही नया राज्यपाल मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 जुलाई को पुष्पापति अशोक गजपति राजू को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया है। वे पूर्व में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के वरिष्ठ नेता रहे हैं।
यह पहली बार होगा जब केंद्र की मोदी सरकार ने किसी सहयोगी दल के नेता को राज्यपाल पद की जिम्मेदारी सौंपी है। अब तक भाजपा ने राज्यपाल के पदों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व नौकरशाह या सैन्य अधिकारी नियुक्त किए थे, लेकिन राजू की नियुक्ति इस नीति में एक नया बदलाव मानी जा रही है।