विवादों से घिरी यश की फिल्म 'टॉक्सिक' (फोटो सोर्स-इंस्टाग्राम)
बेंगलुरु: ‘रॉकिंग स्टार’ यश स्टारर मच अवेटेड फिल्म ‘टॉक्सिक’ विवादों से घिर चुकी है। फिल्म के सेट के लिए रास्ता बनाने के लिए बेंगलुरु के पीन्या-जल्लाहाली क्षेत्र में 599 एकड़ वन भूमि में कई पेड़ काट दिए गए हैं, जिस पर फिल्म की शूटिंग चल रही है। बता दें कि यह वन भूमि पीएसयू हिंदुस्तान मशीन टूल्स के कब्जे में है। वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने मंगलवार, 29 अक्टूबर को अपने शीर्ष अधिकारियों को उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जिन्होंने फिल्म की शूटिंग के लिए पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। इस घटना के साथ ही यश की फिल्म टॉक्सिक की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं।
वन मंत्री ने इन अधिकारियों से पेड़ों को काटने वाले लोगों के खिलाफ वन अपराध के मामले दर्ज करने को भी कहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, मंत्री ने वन भूमि पर पेड़ों और वनस्पतियों को बड़े पैमाने पर नष्ट होते हुए पाया, जिसे यश स्टारर के सेट के निर्माण के लिए काटा गया था। वन विभाग और एचएमटी के बीच चल रहे विवाद के बीच मंत्री ने कुछ दिन पहले वन भूमि का दौरा किया था।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वन मंत्री को इस बात की जानकारी दी गई कि टॉक्सिक के लिए सेट बनाने के लिए पेड़ों और वनस्पतियों को साफ करके वन भूमि को किराए पर दिया जा रहा है। वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने वन पर्यावरण और पारिस्थितिकी के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया कि बेंगलुरु वन भूमि को पहले ही आरक्षित वन घोषित किया जा चुका है और इसे क्षेत्र को गैर-अधिसूचित किए बिना एचएमटी को आवंटित किया गया था। खंड्रे ने यश की फिल्म के निर्माताओं को वन भूमि किराए पर देने के लिए एचएमटी की कड़ी आलोचना की।
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अपने पत्र में मंत्री ने यह भी कहा कि बिना अनुमति के वन भूमि में पेड़ों को काटना दंडनीय अपराध है। उन्होंने सचिव से आग्रह किया कि वे इस बात की जांच करें कि क्या टॉक्सिक के निर्माताओं को वन भूमि किराए पर देने वाली एजेंसियों ने पेड़ों को काटने से पहले कोई अनुमति ली थी। टॉक्सिक की बात करें तो इस फिल्म का निर्देशन गीतू मोहनदास ने किया है। इसमें नयनतारा भी मुख्य भूमिका में हैं।