
विज्ञापन जगत के जादूगर पीयूष पांडे का निधन, 'अबकी बार मोदी सरकार' और 'ठंडा मतलब कोका कोला' जैसे नारे दिए
Piyush Pandey Death: विज्ञापन और रचनात्मक दुनिया के दिग्गज, और कई यादगार कैम्पेन को जन्म देने वाले पीयूष पांडे का निधन हो गया है। ‘फ्रेम’ की दुनिया में क्रांति लाने वाले पीयूष पांडे को भारतीय विज्ञापन जगत में उनके बेमिसाल योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
पीयूष पांडे ने अपने करियर में कई ऐसे स्लोगन और विज्ञापन कैम्पेन दिए, जो न केवल ब्रांड्स के लिए मील का पत्थर साबित हुए, बल्कि भारतीय संस्कृति और जनमानस का हिस्सा भी बन गए। उन्हें भाजपा के प्रसिद्ध चुनावी नारे ‘अबकी बार मोदी सरकार’ को गढ़ने का श्रेय भी दिया जाता है, जिसने 2014 के आम चुनावों में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
Truly at a loss for words to express my sadness at the demise of Padma Shri Piyush Pandey. A phenomenon in the world of advertising, his creative genius redefined storytelling, giving us unforgettable and timeless narratives. To me, he was a friend whose brilliance shone… pic.twitter.com/t6ZDSViCrS — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 24, 2025
पीयूष पांडे लंबे समय तक ओगिल्वी (Ogilvy) इंडिया के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर और एक्जीक्यूटिव चेयरमैन रहे। उनकी रचनात्मकता और कहानी कहने की अनूठी शैली ने कई ब्रांड्स को घर-घर में लोकप्रिय बनाया।
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‘हमारा बजाज‘ (Bajaj): यह स्लोगन न केवल स्कूटर का विज्ञापन था, बल्कि हर भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार की आकांक्षाओं और भरोसे को दर्शाता था।
‘कुछ खास है जिंदगी में’ (Cadbury Dairy Milk): इस कैम्पेन ने चॉकलेट को केवल बच्चों तक सीमित न रखकर, हर उम्र के लोगों के खुशी के पल से जोड़ा।
‘फेविकोल का जोड़ है, टूटेगा नहीं’ (Fevicol): फेविकोल के लिए बनाए गए उनके हास्यपूर्ण और ग्रामीण परिवेश पर आधारित विज्ञापनों ने इस ब्रांड को अमर कर दिया।
हालांकि, विज्ञापन की दुनिया में उनका नाम पहले से ही बड़ा था, लेकिन ‘अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा उनकी पहुंच को राजनीति के गलियारों तक ले गया। 2014 के चुनावों के लिए बीजेपी के कैम्पेन में इस नारे की गूंज हर जगह सुनाई दी, जिसने एक शक्तिशाली राजनीतिक संदेश दिया और लोगों के मन में आशा जगाई।
उनकी रचनात्मकता को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर सराहा गया। पीयूष पांडे ने कान्स लायन्स इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी (Cannes Lions International Festival of Creativity) में भारत का प्रतिनिधित्व किया और कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। उनका जाना भारतीय विज्ञापन और रचनात्मकता के क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।






