पंकज उधास (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
मुंबई: आज यानि 17 मई को गजल गायकी के बादशाह पंकज उधास की बर्थ एनिवर्सरी है। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी उनके गाए नगमे हर किसी के दिल को छू जाते हैं। ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’, सदाबहार गीतों से उन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई थी। ऐसे में आइए इस खास मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
दरअसल, पंकज उधास का जन्म गुजरात के जेतपुर में हुआ था। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई मनहर उधास भी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने प्लेबैक सिंगर रहे हैं। ‘राम लखन’ का ‘तेरा नाम लिया’, ‘हीरो’ का ‘तू मेरा हीरो है’, ‘कुरबानी’ का ‘हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे’ जैसे कई सुपरहिट गाने उनके भाई की आवाज़ में लोगों को सुनने को मिले हैं।
पंकज का बचपन राजकोट के पास चरखड़ी गांव में बीता। उनके दादा गांव के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने ग्रेजुएशन किया था और फिर दीवान की पढ़ाई के लिए आगे बढ़े। उनके पिता भी सरकारी सेवा में थे। इस तरह उनका परिवार शिक्षा और सम्पन्नता के लिहाज से गांव में खास दर्जा रखता था।
7 साल की उम्र में शुरू किया था करियर
संगीत से पंकज उधास का जुड़ाव बचपन से ही रहा। महज 7 साल की उम्र में उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। शुरुआत में वह सिर्फ शौक के तौर पर गाते थे, लेकिन उनके अंदर छिपे टैलेंट को उनके भाई ने पहचाना और उन्हें मंच पर गाने का मौका देना शुरू किया।
पहली बार उन्होंने अपने भाई के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गाना गाया था, जब भारत-चीन युद्ध का दौर चल रहा था। उन्होंने ‘ऐ वतन के लोगों’ गाकर वहां मौजूद लोगों को भावुक कर दिया था। इस कार्यक्रम के बाद उन्हें 51 रुपये का पुरस्कार मिला और यहीं से उनके गायन करियर की शुरुआत हुई।
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इन गानों से इंडस्ट्री में किया था राज
पंकज उधास ने ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ जैसी गजल से लोकप्रियता की बुलंदियों को छू लिया। उनके कई एल्बम और ग़ज़लें आज भी लोगों की प्लेलिस्ट में शामिल हैं। उन्होंने लंबे समय तक म्यूजिक इंडस्ट्री में राज किया। आखिरी बार उन्होंने ‘रात भर तन्हा रहा’ गाना गाया था, जो राज बब्बर और जीनत अमान की फिल्म ‘दिल तो दीवाना है’ का हिस्सा था।