कारगिल जंग में नाना पाटेकर बने थे इंडियन आर्मी का हिस्सा
नाना पाटेकर ने कारगिल युद्ध (1999) में हिस्सा लिया था। वह सेना में मानद कैप्टन के रूप में भर्ती हुए थे। नाना पाटेकर उस समय जंगी क्षेत्र में तैनात किए गए थे। इतना ही नहीं नाना पाटेकर सेना की क्विक रिस्पांस टीम का हिस्सा भी थे। उन्होंने सेने के अस्पतालों में चिकित्सकों को असिस्ट भी किया। वह जवानों की देखरेख में भी चिकित्सकों का हाथ बटा रहे थे। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब दिया है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है, इसी बीच नाना पाटेकर की युद्ध में हिस्सा लेने की खबर आते ही नाना पाटेकर को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
नाना पाटेकर ने खुद एक इंटरव्यू (केबीसी में) के दौरान बताया था कि उन्हें सेना में एंट्री कैसे मिली? भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में जब कारगिल का युद्ध चल रहा था, तब नाना पाटेकर ने भारतीय सेना की इस लड़ाई में अपना योगदान देने का मन बनाया, उन्होंने भारतीय सेना से जंग में शामिल होने की अनुमति मांगी, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से जंग के दौरान उन्हें सेना में शामिल करने से मना कर दिया गया।
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उन्होंने इसका जवाब पूछा तो उन्हें पता चला कि रक्षा मंत्री का आदेश होगा तो उन्हें जंग के दौरान सेना में शामिल किया जा सकेगा। नाना पाटेकर ने बातचीत के दौरान आगे बताया कि उस समय रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस थे, जो मेरे अच्छे दोस्त भी थे, इसलिए मैंने उनको फोन किया और जंग पर जाने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने भी मुझे मना कर दिया। क्योंकि जंग के दौरान सेना में शामिल होने के लिए कम से कम 6 महीने की ट्रेनिंग आवश्यक होती है। इस पर नाना पाटेकर ने बताया कि मैंने 30 साल ट्रेनिंग की है, उन्होंने बताया कि फिल्म प्रहार के दौरान वह मराठा लाइट इन्फेंट्री में ट्रेनिंग के चुके थे।
नाना पाटेकर की बात और गुजारिश के बाद रक्षा मंत्री ने उन्हें जंग के दौरान सेना में शामिल होने की अनुमति दे दी। नाना पाटेकर ने बताया कि जंग के दौरान सेना का हिस्सा बनने पर मुझे गर्व महसूस हुआ और मैंने उस वर्दी को बहुत अभिमान के साथ पहना था। आज भी जब उस पाल को याद करते हैं तो गौरवान्वित महसूस करते हैं।