धीरज कुमार निधन (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Dheeraj Kumar Passes Away: बॉलीवुड और टेलीविजन इंडस्ट्री से एक दुखद खबर सामने आई है। हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर धीरज कुमार का निधन हो गया, उन्होंने 79 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। सोमवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
दरअसल, धीरज कुमार को एक्यूट निमोनिया की शिकायत थी और उन्हें ICU में डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा गया था। हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके परिवार और प्रोडक्शन टीम ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर उनके हॉस्पिटल में एडमिट होने की पुष्टि की थी।
आपको बता दें, धीरज कुमार का जन्म 1 अक्टूबर 1944 को हुआ था और उनका असली नाम धीरज कोचर था। 1965 में उन्होंने सुभाष घई और राजेश खन्ना के साथ एक टैलेंट हंट में भाग लिया था, जिसमें राजेश खन्ना विजेता बने थे। हालांकि, धीरज कुमार ने अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई।
1970 से 1984 के बीच धीरज कुमार ने 21 पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया और इसके बाद उन्होंने टेलीविजन प्रोडक्शन की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने ‘क्रिएटिव आई लिमिटेड’ नामक प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की, जो टीवी इंडस्ट्री में कई हिट शो का निर्माण कर चुका है।
धीरज कुमार की यादगार फिल्मों में सरगम (1979), रोटी कपड़ा और मकान (1974), स्वामी, हीरा पन्ना और रातों का राजा शामिल हैं। स्वामी फिल्म का सदाबहार गीत ‘का करूं सजनी आए ना बालम’ उन्हीं पर फिल्माया गया था।
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हालांकि, फिल्मों के अलावा धीरज ने टीवी इंडस्ट्री में भी अपनी खास पहचान बनाई थी और कई यादगार सीरियल्स दिए। जैसे- ‘कहां गए वो लोग’ (1986) (निर्देशक), ‘अदालत’ (1986), ‘ये प्यार ना होगा कम’ (2009) , ‘सिंहासन बत्तीसी’ (2014), ‘नीम नीम शहद शहद’ (2011) , ‘मायका’ (2007) नाम शामिल है।
खास बात ये है कि हॉस्पिटल में भर्ती होने से कुछ दिन पहले ही धीरज कुमार नवी मुंबई के खारघर स्थित इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए सनातन धर्म के प्रचार का समर्थन किया था।