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नासिक: येवला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र – 119 महाराष्ट्र के नासिक जिले में आता है। येवला विधानसभा सीट डिंडोरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस सीट पर पिछले कुछ सालों से एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल का वर्चस्व रहा है। इस बार छगन भुजबल के लिए यह सीट नाक की लड़ाई बनने जा रही है। येवला सीट पर ओबीसी मतदाताओं का बोलबाला रहता है। महाराष्ट्र में छगन भुजबल बड़े ओबीसी नेता माने जाते है।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद में मराठा आंदोलनकर्ता मनोज जरांगे छगन भुजबल पर हमलावर है। मनोज जरांगे ने छगन भुजबल को हराने की चेतावनी भी दी है। मनोज जरांगे ने ओबीसी नेता छगन भुजबल को ललकाते हुए कई बार येवला में अनशन करने की भी धमकी दी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में येवला सीट पर यह मुद्दा सबसे अहम माना जा रहा है।
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येवला सीट पर 2019 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक कुल 297599 वोटर्स हैं। येवला विधानसभा में अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या लगभग 28,400 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 9.63% है। वहीं अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 35,566 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 12.06% है। इस सीट मुस्लिम मतदाताओं की भी अच्छी संख्या है। यहां पर लगभग 21,233 मुस्लिम मतदाता है जो लगभग 7.2% के आसपास है।
येवला विधानसभा सीट का इतिहास (ग्राफिक इमेज)
छगन भुजबल ने कांग्रेस ने अपने राजनीति की शुरूआत की। बाद में उन्होंने 25 साल शिवसेना के साथ काम किया। वे 1985 और 1990 में शिवसेना की टिकट पर मझगांव विधानसभा सीट से विधायक बने। लेकिन 1999 में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में आने के बाद उनका राजनीतिक उदय हुआ। देखते ही देखते वे महाराष्ट्र की राजनीति में ओबीसी चेहरा बनकर उभरे। 2004 में भुजबल अपने गृह जिला नासिक की येवला सीट से एनसीपी की टिकट पर विधायक बने। 2004 से अब तक येवला सीट पर छगन भुजबल का वर्चस्व कायम है।
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