संजय राउत का महायुति पर कटाक्ष (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रमों में हलचल देखने को मिल रही है। हर कोई इस बात को लेकर उत्सुक है कि मुख्यमंत्री पद किसके नसीब में होगा। हाल ही में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सेहत बिगड़ गई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सत्ताधारी सांसदों के साथ द साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखी। अब इस बात को लेकर विरोधियों द्वारा आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। ठाकरे गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने साबरमती रिपोर्ट को लेकर कड़ी आलोचना की है।
कभी हमें भी फ़िल्म देखने के लिए आमंत्रित करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में NDA के सभी सांसदों के साथ ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखी। सभी सांसदों के साथ उनकी फिल्म देखते हुए तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। संजय राउत ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कल को वे संभल फाइल, फिर महाराष्ट्र फाइल जैसी फिल्म रिलीज करेंगे और दर्शकों को देखने को कहेंगे। हिम्मत है तो मणिपुर फाइल मूवी रिलीज करे। महाराष्ट्र में संविधान की हत्या पर फिल्म बनाओ। संजय राउत ने बीजेपी का कटाक्ष करते हुए कहा कि कल को एकनाथ शिंदे भी फिल्म बनाएंगे। उन्होंने केवल NDA के लोगों को फिल्म दिखाने के लिए बुलाया। कभी हमें भी फ़िल्म देखने के लिए आमंत्रित करें। हम भी समीक्षा करेंगे। शरद पवार को भी बुलाएं, वह साहित्य सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष हैं।
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दोबारा मतदान और मतगणना की मांग
सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्य में जिस तरह से सरकार गठन में गड़बड़ चल रही है, यह एक तरह से अराजकता है। लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि उन्हें इतना बहुमत कैसे मिला। कई गांवों में दोबारा मतदान और मतगणना की मांग हो रही है। मालशिरस तालुका के मरकटवाड़ी गांव में आज बैलेट वोटिंग चल रही है। लोगों को ईवीएम पर संदेह है। राउत ने आगे कहा कि 10 दिन बाद भी यह बहुमत वाली सरकार राज्यपाल के पास नहीं जाती है। लेकिन ऐसा होते हुए भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष शपथ ग्रहण समारोह की तारीख बता देते हैं। वहां टेंट लगाया जा रहा है। अगर हम सत्ता में होते तो अब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया होता।
इन सब के पीछे दिल्ली की महाशक्ति का हाथ
संजय राउत ने राज्य में महायुति नाटक की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी विपक्षी पार्टी को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इस देश में विपक्ष को खत्म करने की साजिश चल रही है। महाराष्ट्र में जो चल रहा है, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़नवीस के बीच जो रुठना-मनाना चल रहा है, इन सब के पीछे दिल्ली की कोई महाशक्ति फंक्शन कर रही है।
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एकनाथ शिंदे ऐसा कुछ करने की हिम्मत नहीं
राउत ने आगे कहा कि इसके अलावा एकनाथ शिंदे ऐसा कुछ करने की हिम्मत नहीं कर सकते। इस वक्त दिल्ली के सत्ताधारियों के सामने ऐसे रुठने-मनाने की हिम्मत किसी में है क्या? जो लोग ढाई साल पहले दिल्ली में ईडी-सीबीआई और गृह मंत्रालय के डर से शिवसेना को तोड़कर भाग गए थे, उन्हें तीन साल में ऐसा कौन सा टॉनिक मिल गया है कि अब वे दिल्ली में आंखें तरेर रहे हैं। संजय राउत ने यह बीजेपी का अंदरूनी खेल होने का आरोप भी लगाया है।