वंदे भारत एक्सप्रेस (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : इंडियन रेलवे ने पिछले कुछ सालों में अपनी सर्विसेज को और भी ज्यादा मॉडर्न और फास्ट बनाने का प्रयास किया हैं। इनमें वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी हाई स्पीड और प्रीमियम ट्रेनें मुख्य हैं। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में विचार किया है कि इन ट्रेनों को चलाने से सरकार को कितने रुपये की कमाई होती है?
आपको बता दें कि भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस और शताब्दी जैसी ट्रेनों में रोजाना लाखों लोग सफर का आनंद लेते हैं। इनकी कमाई को लेकर हाल ही में एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन ट्रेनों से सरकार की तिजोरी में इतने रुपये आते हैं।
एक आरटीआई रिपोर्ट के जवाब में रेल मिनिस्ट्री ने ये जानकारी दी है कि वे इन ट्रेनों से होने वाली कमाई का किसी भी प्रकार से अलग तरीके से कोई रिकॉर्ड नहीं रखते हैं। मध्यप्रदेश के एक निवासी चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई फाइल करके ये पूछा था कि पिछले 2 सालों में वंदे भारत ट्रेनों से कितना रेवेन्यू जनरेट हुआ है और क्या इससे किसी प्रकार का कोई फायदा या नुकसान हुआ है। रेल मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा है कि ट्रेन के हिसाब से रेवेन्यू रिकॉर्ड नहीं रखा जाता हैं।
गौड़ ने इसके जवाब में आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि रेल मंत्रालय भारतीय ट्रेनों से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या और तय की गई दूरी का रिकॉर्ड रख सकता है, लेकिन रेवेन्यू के बारे में कोई जानकारी नहीं रखता। उन्होंने कहा है कि रेलवे ऑफिसर्स एक साल में वंदे भारत ट्रेनों के द्वारा तय की गई दूरी की गिनती पृथ्वी के चारों ओर कुल चक्करों के बराबर कर सकते हैं, लेकिन उसके पास इन ट्रेन से जमा होने वाले टोटल रेवेन्यू की गिनती नहीं हैं।
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वर्तमान समय में भारत में लगभग 102 वंदे भारत ट्रेनें चलती हैं, जो देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों में 100 रूट्स पर ऑपरेट हो रही हैं। अब तक 2 करोड़ से ज्यादा यात्री इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में इन ट्रेनों के द्वारा तय की गई दूरी पृथ्वी के 310 चक्कर लगाने के बराबर हैं।