अमेरिका में शटडाउन, (कॉन्सेप्ट फोटो)
ShutDown In America: अमेरिका में इन दिनों शटडाउन चल रहा है और कर्मचारियों के बिना सैलरी के काम करने की नौबत आ गई है। दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार अमेरिकी सीनेट में फंडिंग बिल पास नहीं करवा सकी क्योंकि सरकारी खर्चों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। यानी कि अमेरिकी सीनेट में सरकार को फंड जारी किए जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है।
फंडिंग बिल पास नहीं होने के चलते सरकार को अपने खर्च सीमित करने होंगे। ऐसे में कई सरकारी एजेंसी अस्थायी तौर पर बंद हो सकते हैं। कई गैर-जरूरी सरकारी कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी दी जा सकती है। जबकि कई जरूरी कर्मचारियों को बिना सैलरी के भी काम करना पड़ सकता है। कुल मिलाकर, सभी नॉन-एसेंशियल सर्विसेज और दफ्तर बंद हो जाते हैं और इसे ही शटडाउन कहा जाता है। इससे पहले, साल 2018 और 2013 में अमेरिका में शटडाउन हुआ था।
अमेरिकी सीनेट में फंडिंग बिल पास कराने के लिए 60 वोटों की जरूरत पड़ती है, जबकि मंगलवार देर रात बिल को लेकर हुए मतदान में समर्थन में 55 और विरोध में 47 वोट पड़े। 100 सदस्यीय वाली सीनेट में 53 रिपब्लिकन, 47 डेमोक्रेट्स और 2 निर्दलीय सांसद हैं। ट्रंप की पार्टी को सीनेट में बिल पास कराने के लिए 60 वोट चाहिए थे, लेकिन 55 ही हासिल हुए।
पिछली बार 2018 में शटडाउन 35 दिनों तक चला था। उस दौरान ट्रंप की सरकार ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए धन जुटाने हेतु सीनेट की मंजूरी मांगी थी, जिसे सीनेट ने पारित करने से इंकार कर दिया था। अमेरिका में नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत 1 अक्तूबर से होती है। ऐसे में फंडिंग बिल पास नहीं होने की वजह से शटडाउन शुरू होने पर सरकारी कर्मचारियों में से 40 प्रतिशथ यानी लगभग 8 लाख कर्मियों को बिना वेतन छुट्टियों पर भेजा जा सकता है।
विवाद की शुरुआत हेल्थकेयर सब्सिडी और मेडिकेड फंडिंग कट को लेकर शुरू हुई है। एक तरफ जहां ट्रंप की पार्टी मेडिकेट फंडिंग में कटौती करना चाहती है। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी सब्सिडी में इजाफा करना चाहती है। इस मुद्दे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का आरोप है कि चूंकि ट्रंप की सरकार स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है इसलिए वो भी स्पेंडिंग बिल को मंजूरी नहीं देंगे।
द मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, ICICI सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड पंकज पांडे का मानना है कि अमेरिका में शटडाउन का वहां की इकोनॉमी पर कोइ खास असर नहीं पड़ेगा। यह बाजारों के लिए कोई बड़ा ट्रिगर नहीं है, बल्कि इस दौरान अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के चलते यह भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए थोड़ा पॉजिटिव होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में शटाडाउन भारत के लिए पॉजिटिव हो सकता है क्योंकि निवेशक उन बाजारों में पैसा लगाना चाहेंगे, जो इससे अछूता है। कुल मिलाकर, इस समय बाजारों के लिए शटडाउन कोई बड़ा ट्रिगर नहीं है।
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इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और और रिसर्च हेड जी. चोक्कालिंगम का भी कहना है कि अमेरिका में शटडाउन होगा बाजारों के लिए कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है। उनका मानना है कि बाजार इसे काफी हद तक नजरअंदाज कर देंगे। आखिरकार किसी न किसी समझौते पर बात होगी क्योंकि सिस्टम लंबे समय तक ठप्प नहीं रह सकता।