एन चंद्रशेखरन (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : हाल ही में टाटा समूह के एक्स चेयरमैन रतन टाटा ने अपनी आखिरी सांस ली थी। उनकी मौत के बाद टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को रतन टाटा को याद करते हुए एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि रतन टाटा ने हमेशा से इस बात को सुनिश्चित किया है कि टाटा ग्रुप की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिवारों की भी भलाई के उपर भी ध्यान दिया जाए, जिसके लिए कई ग्रुप लीडर्स भी तैयार किए गए थे। साथ ही आगे उन्होंने ये भी कहा कि रतन टाटा जैसा कोई नहीं हो सकता है।
प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ पर एक पोस्ट में 86 वर्षीय रतन टाटा के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने लिखा, “जो कोई भी रतन टाटा से मिला, वह उनकी मानवता, गर्मजोशी और भारत के लिए सपनों की कहानी लेकर गया। वास्तव में उनके जैसा कोई नहीं था।”
चंद्रशेखरन ने दिवंगत साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद 2017 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला था। उन्होंने कहा कि दिवंगत रतन टाटा के साथ उनका रिश्ता ‘साल दर साल और गहरा हुआ, पहले यह कारोबार पर केंद्रित था और अंततः ज्यादा पर्सनल रिलेशन में विकसित हुआ।’
उन्होंने याद करते हुए कहा, “हमने कारों से लेकर होटलों तक के इंटरेस्ट पर चर्चा की, लेकिन जब हमारी बातचीत दूसरे मामलों पर चली गई, रोज़मर्रा की ज़िंदगी की, तो उन्होंने दिखाया कि उन्होंने कितना कुछ देखा और महसूस किया। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें समय के साथ और एक्सपीरियंस के माध्यम से खोजा जाना था।”
समूह के दिवंगत एक्स चेयरमैन द्वारा कर्मचारी वेलफेयर पर दिए गए जोर को याद करते हुए चंद्रशेखरन ने लिखा, “चेयरमैन बनने के तुरंत बाद, मुझे टाटा मोटर्स के भीतर एक ऐसी स्थिति से परिचित कराया गया, जिसमें कंपनी और कर्मचारी संघ के बीच 2 सालों से सैलरी को लेकर विवाद चल रहा था।”
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उन्होंने लिखा, “मार्च 2017 में टाटा और मैंने यूनियन लीडर्स से एक साथ मुलाकात की। बैठक के दौरान, टाटा ने 3 संदेश दिए। उन्होंने समाधान खोजने में देरी के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कंपनी मुश्किलों से गुज़र रही है और हम दोनों ने प्रतिबद्धता जताई कि इस विवाद को एक पखवाड़े के भीतर सुलझा लिया जाएगा।”
उनके अनुसार, “टाटा का निर्देश पूरी तरह से यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित था कि कर्मचारियों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए और न केवल विवाद को सुलझाने के लिए, बल्कि उनके और उनके परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए”।
(एजेंसी इनपुट के साथ)