टाटा कैपिटल (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के खौफ से भारतीय शेयर बाजार में पिछले कई दिनों से बिकवाली का दौर जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण पूरी दुनिया के शेयर बाजार के साथ ही दलाल स्ट्रीट पर स्थित शेयर बाजार भी हिल गया है। पिछले शुक्रवार को बीएसई का सेंसेक्स 930.67 अंक टूटकर 75,364.69 के लेवल पर बंद हुआ था। मार्केट में इस उथल पुथल भरे माहौल में टाटा ग्रुप की फाइनेंस कंपनी टाटा कैपिटल ने अपने आईपीओ को लॉन्च करने की तैयारी कर ली हैं। इसके लिए कंपनी ने मार्केट रेग्यूलेटर सेबी के पास सीक्रेट फाइलिंग भी कर ली हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, टाटा कैपिटल 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने की तैयारी में हैं। कंपनी का आईपीओ सितंबर 2025 तक मार्केट में लिस्ट हो सकता है। टाटा कैपिटल ने एन. चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने बाजार नियामक सेबी के पास टाटा कैपिटल का 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आईपीओ गोपनीय प्री-फाइलिंग रूट के जरिए दाखिल कर दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई की ओर से अपर-लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी यानी एनबीएफसी के तौर पर रजिस्टर कंपनी टाटा कैपिटल को आईपीओ लाने की मंजूरी मिल गई है, जिसमें नए इश्यू और कुछ मौजूदा शेयरधारकों की ओर ऑफर ऑफ सेल यानी ओएफएस के जरिए 2.3 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल हो सकते हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार, टाटा संस और टाटा कैपिटल को अपर लेयर एनबीएफसी माना जाता है।
वित्त वर्ष 2024-25 में टाटा कैपिटल ने 18,178 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया है। जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 34 प्रतिशत ज्यादा है। कंपनी की लोन बुक 40 प्रतिशत सालाना बढ़त के साथ 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है और प्रॉफिट 3,150 करोड़ रुपये थी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में लाभ 21 प्रतिशत बढ़कर 1,825 करोड़ रुपये हो गया है।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की एक प्रमुख फाइनेंशियल सर्विस कंपनी और टाटा संस की एक सहायक कंपनी है, जो एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के रूप में कारोबार करती है। कंपनी के सितंबर 2025 तक शेयर मार्केट में लिस्ट होने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि, फाइलिंग को लेकर कंपनी की ओर से अभी कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है।