किस शहर में कितने अरबपति? (कॉन्सेप्ट फोटो)
City Wise Billionaires in India: भारत की अर्थव्यवस्था लगातार प्रगति कर रही है और इसके साथ ही देश में अरबपतियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अलग-अलग शहरों में अरबपतियों की संख्या में रिकॉर्ड लेवल पर ग्रोथ देखने को मिली है। सबसे ज्यादा अरबपति मुंबई में हैं, जबकि नई दिल्ली दूसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में कुल 451 अरबपति रहते हैं, जो इसे भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में स्थापित करते हैं। यहां कई बड़ी कंपनियों के मुख्यालय हैं और देश के शीर्ष उद्योगपतियों- जैसे रिलायंस, टाटा, आदित्य बिड़ला ग्रुप का मुख्य संचालन भी यहीं से होता है। मुंबई में फाइनेंशियल सर्विसेज, मीडिया, रियल एस्टेट और एंटरटेंमेंट इंडस्ट्री की मजबूत उपस्थिति ने इसे अमीरों का केंद्र बना दिया है।
वहीं, भारती की राजधानी नई दिल्ली इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है, जहां 223 अरबपति रहते हैं। राजधानी होने के साथ-साथ दिल्ली व्यापार और राजनीति दोनों का केंद्र है। यहां रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिटेल कारोबार से जुड़े कई उद्योगपतियों का वर्चस्व है। तीसरे स्थान पर बेंगलुरु है, जहां कुल 116 अरबपति रहते हैं। भारत की सिलिकॉन वैली कहलाने वाले इस शहर में आईटी, टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री की मजबूत उपस्थिति ने कई नए अरबपतियों को जन्म दिया है। बेंगलुरु के बाद हैदराबाद 102 अरबपतियों के साथ चौथे और चेन्नई 94 अरबपतियों के साथ पांचवें स्थान पर है।
शहर | अरबपतियों की संख्या |
---|---|
सूरत | 32 |
जयपुर | 38 |
पुणे | 66 |
कोलकाता | 68 |
अहमदाबाद | 68 |
चेन्नई | 94 |
हैदराबाद | 102 |
बेंगलुरु | 116 |
नई दिल्ली | 223 |
मुंबई | 451 |
(सोर्स: हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025)
अहमदाबाद और कोलकाता दोनों में 68 अरबपति हैं, जबकि पुणे में 66, जयपुर में 38 और सूरत में 32 अरबपति दर्ज किए गए हैं। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि अब केवल मेट्रो सिटीज ही नहीं, बल्कि टियर-2 शहर भी तेजी से आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, भारत में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि देश की विकास दर, उद्यमिता की भावना और नई तकनीक अपनाने की क्षमता का परिणाम है। स्टार्टअप्स, रियल एस्टेट, फार्मा, टेक्नोलॉजी, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने नए उद्योगपतियों को उभरने का अवसर दिया है। रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि भारत में धन का वितरण धीरे-धीरे पारंपरिक उद्योगों से आधुनिक व्यवसायों की ओर शिफ्ट हो रहा है। जहां पहले अमीरों का वर्चस्व उद्योगपतियों तक सीमित था, अब नए अरबपति आईटी, ई-कॉमर्स, फिनटेक और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों से भी उभर रहे हैं।
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कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट इस बात का संकेत है कि भारत अब केवल एक विकासशील अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि ग्लोबल लेवल पर वेल्थ क्रिएशन का सेंटर बनता जा रहा है। आने वाले समय में उम्मीद है कि और भी शहर इस लिस्ट में शामिल होंगे, जिससे भारत की आर्थिक शक्ति और अधिक मजबूत होगी।