प्रतीकात्मक तस्वीर
EPFO Withdrawal Rule: केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े कर्मचारियों को पैसे निकासी के मामले में ज्यादा छूट देने पर विचार कर रही है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ईपीएफओ के साथ मिलकर भविष्य निधि (PF) खाते में निकासी से जुड़े नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है। सरकार की मंशा है कि कर्मचारी अपनी जरूरत के समय पर अपने पीएफ खाते से ज्यादा पैसे निकाल सकें। इसके लिए 10 वर्ष के अंतराल पर अधिक पैसे निकासी की अनुमति दिए जाने पर विचार किया जा रहा है।
मौजूदा समय में पीएफ खाते से सदस्य को मेडिकल, घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई, घर में शादी व कुछ अन्य जरूरी कार्यों के लिए पैसे निकासी की अनुमति है। लेकिन उसमें भी तमाम सारी शर्ते हैं, जिनमें तय सीमा तक ही निकासी की जा सकती है। अब सरकार विचार कर रही है कि कर्मचारी को 10 वर्ष की नियमित सेवा के बाद पीएफ खाते से 60-70 फीसदी तक धनराशि निकासी की अनुमति दी जाए। इससे कर्मचारियों के पास जरूरत पड़ने पर ज्यादा धनराशि उपलब्ध होगी।
नियम में बदलाव होने के बाद कर्मचारी को अपनी पूरी सेवा के दौरान तीन बार बड़ी धनराशि निकालने की अनुमति मिल सकेगी। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति 25 वर्ष की उम्र में नौकरी शुरू करता है तो वह 35, 45 और 55 वर्ष की आयु में पीएफ खाते से बड़ी धनराशि निकाल सकेगा। वर्तमान नियमों के तहत पीएफ में जमा धनराशि का का बड़ा हिस्सा नौकरी चले जाने के दो महीने बाद या फिर 58 वर्ष की आयु में रिटायर्ड होने पर ही निकालने की अनुमति होती है। इस संबंध में अंतिम फैसला ईपीएफओ और मंत्रालय के बीच होने वाली चर्चा के बाद होगा।
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नए नियमों का ईपीएफओ से जुड़े करीब 7.5 करोड़ सदस्यों को लाभ होगा, जो अपनी जरूरत पर अधिक पैसे का निकासी कर सकेंगे। हालांकि पैसे निकासी की स्थिति में उन्हें नुकसान भी होगा। अभी तक तमाम शर्तों के तहत ईपीएफ से पैसे की निकासी होती है। अब नया नियम आने के बाद अगर मेंबर बड़ी मात्रा में पैसा अपने अकाउंट से निकालेंगे तो रिटायरमेंट के समय उनके खाते में एक सीमित फंड ही उपलब्ध होंगे। पीएफ से बार-बार निकासी करने से रिटायरमेंट के लिए जमा होने वाली राशि में कमी आएगी, जिससे भविष्य में आर्थिक सुरक्षा कमजोर हो सकती है। पीएफ लंबी अवधि की बचत के लिए बनाया गया है। समय-समय पर निकासी से चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ कम हो सकता है।