नीतीश कुमार, (मुख्यमंत्री, बिहार)
Bihar Government News: विधानसभा चुनाव से पहले बिहार सरकार 16 हजार करोड़ रुपये का लोन लेने जा रही है। राज्य सरकार ने जुलाई से सितंबर तक इन राशि को मुहैया कराने लिए रिजर्व बैंक से गुहार लगाई है। सरकार की यह मांग पिछले साल से चार हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। 2024 में इस अवधी के दौरान बिहार सरकार ने केवल 12 हजार करोड़ रुपये लोन के रूप में लिए थे।
अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार कई लोकलुभावन योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है। वहीं, जनता से पहले किए गए वादे को पूरा करना भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। राज्य के सीमित इनकम स्त्रोतों से इन्हें पूरा करना संभव नहीं है। इसलिए सरकार के पास लोने लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार कानून की तय सीमा में ही लोन ले रही है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 तक बिहार सरकार कुल 3 लाख 62 हजार 36 करोड़ रुपये का लोन ले चुकी थी। वहीं 2025-26 में भी लगभग 44 हजार करोड़ लोन लेने की प्लानिंग है। इस तरह वित्त वर्ष के आखिरी तक बिहार पर यह कर्ज 4 लाख 6 हजार 470 करोड़ रुपये का हो जाएगा। इसके लिए बिहार सरकार को हर दिन ब्याज के रूप में 63 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे। इसी तरह लोन के मूलधन (Principal Amount) का 22,800 करोड़ रुपये भी बिहार सरकार को इस वित्तीय वर्ष में चुकाना है। इसका मतलब यह है कि सरकार के खजाने से 45,813 करोड़ रुपये एक साल में केवल लोन और उसके ब्याज चुकाने में ही चले जाएंगे।
साल | लोन अमाउंट |
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2023-24 | 3,32,740 करोड़ |
2024-25 | 3,62,036 करोड़ |
2025-26 | 4,06,476 करोड़ (प्रस्तावित) |
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पंचायती राज के प्रतिनिधियों के वेतन में डेढ़ गुना की बढ़ोतरी की है। इस वृद्धि के कारण सरकार पर और बोझ बढ़ेगा। वहीं, जीविका कर्मियों की सैलरी भी दो गुना बढ़ी है, जो कि सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। हाल ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 करोड़ 11 लाख पेंशनधारियों का सामाजिक सुरक्षा पेंशन 400 से बढ़ाकर 11 रुपये प्रति महीने करने का ऐलान किए हैं। इन सभी घोषणाओं को पूरी करने के लिए सरकार को अतिरिक्त फंड की आवश्यकता है। इसके साथ ही 94 लाख गरीब परिवारों को कारोबार के लिए एकमुश्त दो लाख रुपये देने हैं।
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इस मामले पर बिहार के वित्तमंत्री और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि 16 हजार करोड़ रुपये का लोन राज्य के विकास कार्यों को लिए लिया जा रहा है। इसके पीछे कोई और मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव का समय होने के कारण ऐसा लग रहा होगा कि कुछ अलग मामला है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। चुनाव के पहले तीन महीनों में विकास को पूरी तरह से ठप नहीं कर सकते हैं।