प्रियंका गांधी (फोटो नवभारत डिजाइन)
Priyanka Gandhi in Bihar Politics: जिस प्रियंका गांधी में कांग्रेस को दुनिया को झुका देने वाली इंदिरा का अक्स दिखता है, उनकी बिहार की सियासत में एंट्री हो गई। वोट अधिकार यात्रा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ लगातार दूसरे दिन प्रियंका गांधी बनी हुई हैं। मौजूदा समय में बिहार के जिस भूखंड में इंडिया गठबंधन की यात्रा चल रही है, उसे मिथिलांचल कहा जाता है। मिथिलांचल BJP-JDU का वह दुर्ग है, जिसने 60 में 40 सीटें देकर पिछली बार नीतीश कुमार की सरकार बनवाई थी।
प्रियंका गांधी वोट अधिकार यात्रा के जरिए मिथिलांचल के 7 में 5 जिलों को कवर करेंगी। वायनाड सांसद सुपौल में शिरकत कर मधुबनी होते हुए मंगलवार को दरभंगा पहुंचीं और बुधवार को मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी पहुंचेगी। इस तरह दो दिन की यात्रा में वे मिथिलांचल बेल्ट करेंगी। प्रियंका गांधी के यात्रा में शामिल होने का समय कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है।
प्रियंका गांधी NDA के किले में सेंध लगाने की कोशिश करेंगी। क्योंकि बड़ी संख्या में लोग उनमें इंदिरा गांधी को देखते हैं। उनकी हर तबके लोगों में लोकप्रियता है। खास कर महिलाएं प्रियंका गांधी को अधिक पसंद करती है। इसकी वजह किसी से जल्द ही प्रियंका गांधी की जुड़ने की कला है। इसी लोकप्रियता को महागठबंधन मिथिलांचल में भूनाना चाहती है। प्रियंका बुधवार को सीतामढ़ी में स्थित मां जानकी मंदरि में माथा टेकर भाजपा के हिंदुत्व के खिलाफ काउंटर दांव चलेंगी। भाई राहुल गांधी और तेजस्वी के साथ प्रियंका गांधी बिहार में मिथिलांचल, मंदिर और महिला यानी ट्रिपल M फॉर्मूले के जरिए सत्ता में वापसी की राह तलाशेंगी।
वोट अधिकार यात्रा के दौरान राहुल-प्रियंका और तेजस्वी
बिहार में प्रियंका की एंट्री तीज के मौके पर हुई है। यह सर्व विदित है कि प्रियंका गांधी महिला वोटरों से जल्दी ही कनेक्ट करती हैं। उनकी संवाद कला बेहतरीन है। वहीं बिहार में NDA के वोट बैंक का बड़ा हिस्सा महिलाएं हैं। उसमें भी मिथिलांचल में सबसे ज्यादा। यही क्षेत्र जिसने 2020 में महागठबंधन को सत्ता से बाहर कर दिया, जबकि शाहबाद और मगध के क्षेत्र में बढ़त बनाने के बाद भी महज कुछ अंतर से तेजस्वी सरकार नहीं बना पाए। अब पिछली बार हुई चूक को महागठबंधन प्रियंका गांधी के जरिए सुधारना चाहता है। इस क्षेत्र में कांग्रेस अपना ब्रह्मण और दलित वोट बैंक दोबारा चाहता है। विशेष बात ये है कि गांधी फैमिली खुद को ब्राह्मण ही कहता है। मुद्दे ओबीसी-एससी का भी उठाता है।
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इन समीकरणों के सेट करने के लिए प्रियंका गांधी सीतामढ़ी मंदिर में दर्शन करेंगी। मिथिलांचल ही नहीं बल्कि बिहार में सीता माता के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। इससे भाजपा के हिदुत्व की हवा निकालने वाला दांव प्रियंका गांधी चलेंगी। वहीं राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी सॉफ्ट हिंदुत्व को हथियार बना रही हैं, जिस तरह बंगाल में ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ बनाया था। बिहार में प्रियंका गांधी के उतरने के बाद जमीन पर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। मिथिलांचल का दौरा महिलाओं से प्रियंका गांधी का संवाद भाजपा और जेडीयू का टेंशन बढ़ा रहा है।