गुमशुदा शख्स चौराबाड़ी ग्लेशियर में कंकाल बनकर मिला (फोटो- एआई)
Kedarnath Chorabari Glacier Human Skeleton: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। केदारनाथ मंदिर के पीछे ऊपर की तरफ स्थित चौराबाड़ी ग्लेशियर में एक मानव कंकाल मिला है। चौराबाडी का यह इलाका 2013 की आपदा के लिए भी जाना जाता है। इस कंकाल के पास से एक बैग में मिले मोबाइल फोन और कॉलेज आईडी के आधार पर मृतक की पहचान तेलंगाना के जगतियाल जिले के रहने वाले नोमुला रोश्वन्थ के रूप में हुई है। इस चौंकाने वाली खोज ने प्रशासन और स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा दिया है। कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेज दिया गया है।
चौराबाड़ी ग्लेशियर, जिसे गांधी सरोवर के नाम से भी जाना जाता है, समुद्र तल से करीब 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित है, फिर भी अक्सर लोग यहां पहुंच जाते हैं। एक स्थानीय व्यवसायी की सूचना पर पुलिस और वाईएमएफ की टीम मौके पर पहुंची और कंकाल को कब्जे में लिया। मृतक के पास से एक बैग मिला, जिसमें मोबाइल फोन और कॉलेज आईडी थी। इसके बाद पुलिस ने तेलंगाना पुलिस और परिजनों से संपर्क किया, जिससे मृतक की पहचान नोमुला रोश्वन्थ के रूप में हुई।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि नोमुला रोश्वन्थ की गुमशुदगी की रिपोर्ट पिछले साल 31 अगस्त को दर्ज की गई थी। परिजनों से आखिरी बार उनका संपर्क 30 अगस्त 2024 को हुआ था। उस समय नोमुला ने अपने परिवार को बताया था कि वह उत्तराखंड में हैं, जबकि उन्होंने घर से दिल्ली जाने की बात कही थी। यह पता चला है कि नोमुला रोश्वन्थ नोमुला गणेश के पुत्र थे और राजेश्वरोपेट गांव, इब्राहिमपट्टनम मंडल, जिला जगतियाल, तेलंगाना के निवासी थे।
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घटना ने एक बार फिर से हिमालयी क्षेत्रों में सुरक्षित यात्रा के महत्व को उजागर किया है। चौराबाड़ी झील एक संवेदनशील और प्रतिबंधित क्षेत्र है, जहां जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। इसके बावजूद, कई यात्री जोखिम उठाकर इन इलाकों में जाते हैं। इस खोज से एक साल पहले से लापता हुए युवक के परिवार को कुछ जवाब मिला है, लेकिन यह भी एक दुखद कहानी है। प्रशासन ने कंकाल को आवश्यक कानूनी कार्रवाई के लिए रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल भेज दिया है, ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके।