
मदन सहनी, फोटो- नवभारत डिजाइन
Bihar Assembly Election 2025: मदन सहनी की राजनीतिक यात्रा जमीनी स्तर से शुरू होकर राज्य की राजनीति के उच्चतम पदों तक पहुंची है, जो उनकी मेहनत और जनसेवा के प्रति समर्पण का प्रमाण है। मदन सहनी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पंचायत स्तर से की।
मदन सहनी के सामाजिक कार्यों और जनता से गहरे जुड़ाव ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई। शुरुआती दौर में, वे जिला परिषद सदस्य चुने गए और बाद में उन्होंने जिला बोर्ड अध्यक्ष का पद भी संभाला। जमीनी स्तर पर मिली इस सफलता और पहचान के कारण ही जनता दल (संयुक्त) ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का अवसर प्रदान किया।
मदन सहनी को अब तक तीन बार बिहार विधान सभा के लिए चुना जा चुका है: 2010, 2015 और 2020 में।
• बहादुरपुर (2010): बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र का गठन 2008 में हुए परिसीमन के बाद हुआ था, और 2010 में यहां पहली बार चुनाव हुआ। मदन सहनी ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और राजद के हरिनंदन यादव को हराकर अपनी पहली जीत दर्ज की।
• गौरा बौराम (2015): 2015 के चुनाव में उन्हें गौरा बौराम सीट से टिकट मिला और उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की। इस जीत के बाद, उन्हें बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
• बहादुरपुर (2020): 2020 के विधानसभा चुनाव में, मदन सहनी ने अपने गृह क्षेत्र बहादुरपुर में वापसी की और एक बार फिर जीत दर्ज की। इस बार उनका मुकाबला राजद के रमेश चौधरी से था, जिन्हें उन्होंने 2629 वोटों के मामूली अंतर से हराया था, जो लगभग 1.50% का अंतर था।
मदन सहनी की राजनीतिक यात्रा कई उतार-चढ़ावों से भरी रही है, लेकिन उन्होंने हर चुनौती का डटकर सामना किया है। उनके नेतृत्व में बहादुरपुर और गौरा बौराम जैसे क्षेत्रों में कई विकास की नई योजनाएं लागू की गईं।
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सामाजिक कल्याण मंत्री के रूप में, वे राज्य के कमजोर और वंचित वर्गों के लिए योजनाएं बनाने और उन्हें सक्रिय रूप से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनका राजनीतिक सफर उनकी मेहनत, जनसेवा और नेतृत्व क्षमता का स्पष्ट प्रमाण है।






