कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है। विपक्ष ने इसको लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और शीर्ष अदालत ने सुनवाई की तारीख भी तय कर दी है। इस बीच लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सरकार पर तीखा हमला बोला है।
दरअसल, बिहार में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्ष का कहना है कि केंद्र और बिहार सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग की मिलीभगत से करोड़ों लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश रची गई है और उसी सुनियोजित साजिश के तहत चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम शुरू किया गया है।
इसको लेकर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। लालू प्रसाद ने एक्स पर लिखा, ‘दो गुजराती 8 करोड़ बिहारियों के वोट के अधिकार को छीनने की कोशिश कर रहे हैं। ये दोनों गुजराती बिहार, संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं। जागो और आवाज उठाओ! लोकतंत्र और संविधान बचाओ!’
दो गुजराती मिलकर 8 करोड़ बिहारियों के वोट का अधिकार छिनने का प्रयास कर रहे है। इन दो गुजरातियों को बिहार, संविधान और लोकतंत्र से सख़्त नफ़रत है। जागो और आवाज़ उठाओ!
लोकतंत्र और संविधान बचाओ!!#Bihar #RJD #ElectionCommission pic.twitter.com/dalZGliOWq — Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 7, 2025
उधर, तेजस्वी यादव ने भी एक्स पर लिखा, “बिहार में वोटबंदी की गहरी साजिश। दलितों-पिछड़ों-ओबीसी के वोट काटने और फर्जी वोट जोड़ने का खेल शुरू हो गया है। मोदी-नीतीश चुनाव आयोग के जरिए संविधान और लोकतंत्र को कुचलने और आपके वोट के अधिकार को छीनने पर तुले हुए हैं। सीधी हार देखकर ये लोग अब बौखला गए हैं। जब मतदाता का वोट ही खत्म हो जाएगा तो फिर लोकतंत्र और संविधान किस काम का।”
बिहार में वोटबंदी की गहरी साजिश। दलित-पिछड़ा-अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक के वोट काटने और फर्जी वोट जोड़ने का खेल शुरू। मोदी-नीतीश संविधान और लोकतंत्र को कुचलने तथा आपके मत का अधिकार छिनने के लिए संकल्पित होकर चुनाव आयोग के माध्यम से कार्य कर रहे है। ये लोग प्रत्यक्ष हार देखकर अब… pic.twitter.com/SDsgMVNVhw — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 7, 2025
आपको बता दें कि बिहार का यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बिहार में वोटर लिस्ट से लाखों नाम हटाए जाने की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने इसे असंवैधानिक और जनविरोधी बताया है और तत्काल सुनवाई की मांग की है। सोमवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार यानी 10 जुलाई को मामले की सुनवाई करने पर सहमति जताई है।