राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)
Karpoori Rath Yatra in Bihar: बिहार की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी वो कड़ी हैं, जो ईबीसी वोट बैंक किसी भी दल के साथ जोड़ सकते हैं। अब उन्हीं कर्पूरी ठाकुर के नाम कांग्रेस पार्टी बिहार की सियासत में अपनी खोई हुई इज्जत वापस पाना चाहती है। बिहार में राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा सफलता के बाद प्रियंका गांधी की अगुवाई में कर्पूरी रथ यात्रा निकालने की अटकलें लगाई जा रहीं थी। हालांकि अब पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता उदित राज पुष्टि कर दी है।
यह यात्रा कांग्रेस को वो राजनैतिक इज्जत वापस दिला सकती है, जो राजद से राज्य में नहीं मिलती है। बिहार कांग्रेस नेतृत्व ने राहुल गांधी के समक्ष इस मामले को उठाया था। इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया था कि इज्जत मांगी नहीं जाती कमाई जाती है। इसके लिए राज्य में आप लोग काम करिए, आप लोगों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं।
अब चर्चा है कांग्रेस पार्टी फुल स्ट्रेंथ के साथ बिहार में उतरने वाली है। बिहार के सभी 38 जिलों में कर्पूरी रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा को राहुल गांधी की बहन वायनाड सांसद प्रियंका गांधी लीड कर सकती हैं। इसकी शुरुआत कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। चर्चा है कि राहुल, खड़गे और प्रियंका की तिकड़ी कर्पूरी रथ यात्रा के दौरान प्रमुख जिलों में दिखाई देगी।
पूर्व सासंद उदित राज ने सोशल मीडिया एक्स पर कर्पूरी रथ यात्रा को बिहार की राजनीति में नया प्रयोग बताया है। उनके अनुसार यह यात्रा 40 दिनों तक चलेगी। साथ ही बिहार के सभी 38 जिलों से होकर गुजरेगी। उदित राज ने कांग्रेस के इस बड़े कदम के लिए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और इस रथ यात्रा की रणनीति बनाने वाले कुनाल बिहार जो यात्रा के संयोजक को बधाई दी।
*बिहार की राजनीति में नया प्रयोग*
सोचिए, पहली बार कांग्रेस ने *“कर्पूरी रथ”* निकाला है — वो रथ जो बिहार की 38% आबादी की आवाज़ बनकर निकला है।
40 दिन, 38 ज़िलों की यात्रा… नाम है *अति पिछड़ा न्याय यात्रा*
इस बड़े कदम के लिए बधाई राजेश राम जी (अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस) और कृष्णा…
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) September 12, 2025
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गौरतलब है कि वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी का बिहार में संघर्ष कर रही है। आगामी चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग में कांग्रेस की डिमांड पिछली बार की तरह 70 सीटों की है। वहीं राजद इस बार कांग्रेस को 50 सीटों तक समेटना चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस भी प्रेशर बनाने में जुट गई है। तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा नहीं घोषित कर रही है, जबकि राजद द्वारा इसके लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।