बिहार बंद का ऐलान (सौजन्य-एएनआई,एक्स)
पटना: बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया था, जिसको लेकर बिहार में अभ्यर्थियों ने प्रशासन पर धावा बोल दिया है। इस बीच अभ्यर्थि औक आयोग दोनों आमने- सामने आ गए है। छात्रों की मांग है कि पेपर लीक के चलते बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा रद्द करें लेकिन बिहार लोकसेवा आयोग अभ्यर्थियों की इस मांग को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है। इस बात को लेकर रविवार की शाम अभ्यर्थियों और पुलिस के बीत तीखी झड़प हो गई।
इस दौरान पुलिस को अभ्यर्थियों पर बल प्रयोग करना पड़ा, जिसे लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला जा रहा है। इस बीच AISA ने बीपीएससी की री-एग्जाम को लेकर 30 दिसंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है। इस बंद में सीपीआई ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
इस मुद्दे को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेका तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर हमला बोल है और साथ ही आंदोलन को भटकाने और हाईजैक करने का आरोप लगाया है। उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया, जहां उन्होंने बताया कि उन्होंने तेजस्वी यादव को पत्र लिखा है लेकिन अभी तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहां कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने मांग की कि पूरी परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए। सरकार और बीपीएससी दबाव में है और मेरा नैतिक समर्थन बीपीएससी के सभी अभ्यर्थियों के साथ है।
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पटना में बीपीएससी अभ्यर्थी कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। इस बीच रविवार रो सभी छात्र नीतीश कुमार को ज्ञापन देने के लिए उनके आवास जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इसके बाद छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस प्रदर्शन में प्रशांत किशोर ने पुलिस से बहस की और छात्र भी बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। इसे देखते हुए पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें कर दी और लाठीचार्ज किया और उन्हें जेपी गोलंबर से हटा दिया।
पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए प्रशांत किशोर, उनकी पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती सहित शहर के शिक्षक रामान्शु मिश्रा और 600 से 700 अज्ञात लोगों सहित 21 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने अधिकारियों से अनुमति लिए बिना ही गांधी मैदान में सभा का आयोजन किया और छात्रों को उकसाया।