
गृह मंत्री अमित शाह (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Election Amit Shah Warn Public Jungle Raj Again: बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग से पहले सियासी घमासान तेज हो गया है। आज देश के गृह मंत्री शाह चुनाव प्रचार के दौरान गोपालगंज में RJD पर खूब हमलाबर हुए। NDA और महागठबंधन के स्टार प्रचारकों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले बोलते हुए प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजद पर सीधा निशाना साधते हुए चेतावनी दी है कि अगर वे सत्ता में लौटे तो राज्य में ‘जंगल राज’ वापस आ जाएगा। उन्होंने इस चुनाव को बिहार का भविष्य तय करने वाला बताया। वहीं, इधर महागठबंधन की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ‘डबल इंजन सरकार’ पर जमकर हमला बोला।
अमित शाह ने शनिवार को गोपालगंज में एक रैली को खराब मौसम के कारण डिजिटल रूप से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव तय करने का अवसर है कि बिहार का भविष्य किसे सौंपा जाए। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि एक तरफ ‘जंगल राज’ शुरू करने वाले लोग हैं और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास करने वाली जोड़ी है। शाह ने खासतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई साधु यादव का जिक्र करते हुए कहा कि उनके कारनामों को गोपालगंज के लोगों से बेहतर कोई नहीं जानता।
गृह मंत्री ने राजद शासन के दौरान मध्य बिहार के उन गांवों के नाम भी गिनाए जो नरसंहारों के लिए सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने साधु यादव से जुड़े पुराने मामलों की भी याद दिलाई, जिनका जिक्र हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने भी बिना नाम लिए किया था। इसमें 1999 में मीसा भारती की शादी के दौरान एक शोरूम से जबरन कारें उठाने और शिल्पी गौतम हत्याकांड में नाम उछलने जैसे आरोप शामिल थे। शाह ने कहा कि गोपालगंज के लोगों ने 2002 के बाद से कभी भी राजद को वोट नहीं दिया है और उन्हें यकीन है कि वे इस रुझान को जारी रखेंगे।
दूसरी ओर, बेगूसराय में प्रचार करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोगों से ‘डबल इंजन सरकार’ के वादों के झांसे में न आने की अपील की। उन्होंने एनडीए सरकार पर संविधान को कमजोर करने, समाज में विभाजन फैलाने और वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम काटने का आरोप लगाया। प्रियंका ने कहा कि एनडीए के बड़े नेता जब बिहार आते हैं, तो वे बेरोजगारी, पलायन या किसानों की समस्या की बात नहीं करते। उन्होंने निजीकरण को लेकर भी सरकार को घेरा और 1.5 करोड़ नौकरियों के वादे को जनता को छलने की कोशिश बताया।
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अमित शाह ने अपने संबोधन में एनडीए के घोषणापत्र के वादों को भी दोहराया। उन्होंने ‘जीविका दीदियों’ को दो लाख रुपये तक की मदद और 27 लाख किसानों को दी जाने वाली 6,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 9,000 रुपये सालाना करने का वादा किया। शाह ने यह भी कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य की सभी चीनी मिलें फिर से खोल दी जाएंगी।






