
बाराचट्टी विधानसभा, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Barachatti Assembly Constituency: बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र, बिहार के गया जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र है। यह सीट गया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आती है और अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है।
1957 में स्थापित बाराचट्टी सीट का राजनीतिक इतिहास अक्सर बदलाव की कहानी बयां करता है, जो आगामी Bihar Assembly Election 2025 में एक बार फिर दिलचस्प मुकाबले का संकेत दे रहा है।
भौगोलिक स्थिति से समझा जाए तो झारखंड सीमा के नजदीक बाराचट्टी सीट गया जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर स्थित है। यह इलाका ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) से जुड़ा होने के कारण अन्य क्षेत्रों से अच्छी सड़क कनेक्टिविटी रखता है। इस सड़क संपर्क ने जहां विकास को गति दी है, वहीं स्थानीय लोगों को अन्य व्यापारिक केंद्रों से भी जोड़ा है।
बाराचट्टी में गोखुल नदी के तट पर स्थित शिव मंदिर स्थानीय लोगों के बीच आस्था का एक बड़ा केंद्र है। शिवरात्रि के मौके पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है, जो इस क्षेत्र की सामाजिक और धार्मिक एकता को दर्शाता है।
बाराचट्टी विधानसभा का राजनीतिक इतिहास काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है, जहाँ जनता ने अक्सर बदलाव को प्राथमिकता दी है।
कांग्रेस का शुरुआती दौर: कांग्रेस ने अब तक चार चुनाव जीते, जिसमें पहली जीत 1967 के चुनाव में मिली थी। हालांकि, 1985 के बाद कांग्रेस कभी जीत नहीं पाई।
क्षेत्रीय दलों का उदय: 1985 तक कांग्रेस के अलावा 4 अन्य पार्टियों को भी यहां की जनता आजमा चुकी थी। 1990 के चुनाव में बदलाव को कायम रखा गया और 1995 में जनता दल को मौका मिला।
राजद का प्रभुत्व: इस सीट से राजद (RJD) ने चार बार जीत हासिल की है, जो यहाँ उसके मजबूत जनाधार को दर्शाता है। वहीं, जदयू को दो बार जीत मिली।
जीतन राम मांझी का प्रभाव: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी बाराचट्टी से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने यहां से पहली बार 1996 के उपचुनाव में जीत हासिल की थी, जिससे इस सीट का राजनीतिक कद बढ़ गया था।
बाराचट्टी विधानसभा सीट के लिए इस बार जबरदस्त लड़ाई है, और दिलचस्प बात यह है कि मुख्य मुकाबला दो प्रमुख महिला उम्मीदवारों के बीच है। यह Bihar Politics में महिला नेतृत्व के बढ़ते महत्व को दर्शाता है:
राजद की प्रत्याशी: राजद ने तनुश्री कुमारी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की प्रत्याशी: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (जो जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी है) ने ज्योति देवी को टिकट दिया है।
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यह मुकाबला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ज्योति देवी पहले भी विधायक रह चुकी हैं। उन्होंने 2010 के चुनाव में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की थी, और फिर 2020 के चुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। 2025 के चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी ने एक बार फिर उन्हें मौका दिया है, जिससे यह लड़ाई एनडीए (NDA) बनाम महागठबंधन की साख का सवाल बन गई है इसके अतिरिक्त, जन सुराज पार्टी की ओर से हेमंत कुमार चुनावी ताल ठोंक रहे हैं, जो मुकाबले को और भी त्रिकोणीय बना सकते हैं।






