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Bihar Assembly Elections 2025: बिहार चुनाव के लिए आई सीएपीएफ की 500 कंपनियों में से जम्मू-कश्मीर से बुलाई गई 71 सीआरपीएफ कंपनियां भी शामिल हैं। आने वाले दिनों में केंद्रीय बलों की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक रणनीति तैयार की है।
राज्य में किसी भी तरह की हिंसा या गड़बड़ी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब तक केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) की 500 कंपनियों को बिहार भेज दिया है। इन बलों की तैनाती से लेकर उनके ऑपरेशन तक का समन्वय गृह मंत्रालय की निगरानी में होगा। अधिकारियों का कहना है कि चुनावी माहौल को शांत और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए और भी बल भेजे जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, बिहार चुनाव के दौरान लगभग 50,000 केंद्रीय जवान राज्य में तैनात किए गए हैं। इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी जैसी प्रमुख अर्धसैनिक इकाइयां शामिल हैं। सबसे खास बात यह है कि सीआरपीएफ की 118 कंपनियों में से 71 कंपनियों को विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से चुनावी ड्यूटी के लिए बुलाया गया है। इन बलों को संवेदनशील और अति-संवेदनशील बूथों पर तैनात किया जाएगा ताकि मतदाता बिना किसी डर या दबाव के मतदान कर सकें।
गृह मंत्रालय की योजना के तहत इन बलों को राज्य के विभिन्न जिलों में एरिया डोमिनेशन, फ्लैग मार्च, सर्विलांस और विश्वास निर्माण गतिविधियों में लगाया जाएगा। तैनाती के शुरुआती चरण में ये जवान स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर संवेदनशील इलाकों में भ्रमण करेंगे। यह कदम मतदाताओं में सुरक्षा का भरोसा जगाने और असामाजिक तत्वों को सक्रिय होने से रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि केंद्रीय बलों के लिए आवश्यक सुविधाएं- जैसे ठहरने की व्यवस्था, परिवहन, भोजन और संचार व्यवस्था तुरंत सुनिश्चित की जाएं। मंत्रालय के अनुसार, इन बलों की हर गतिविधि और मूवमेंट की दैनिक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी ताकि किसी भी स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
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गृह मंत्रालय का उद्देश्य साफ है- बिहार में निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष गश्त और निगरानी के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी आपराधिक या राजनीतिक दबाव के कारण मतदान प्रभावित न हो। आने वाले दिनों में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के बाद केंद्रीय बलों की संख्या में और इजाफा किया जा सकता है।