विधायक राजेश गौतम, फोटो- सोशल मीडिया
Sultanpur Viral Video: मंच से बोल रहे वक्ता का माइक छीनने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। मौके पर भी काफी बहस हुई और इसके साथ ही वीडियो वायरल हो जाने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसकी खूब आलोचना की। विधायक ने कार्रवाई की वजह समाज हित और धर्म परिवर्तन के खिलाफ चेतावनी बताई है।
सुलतानपुर जिले के कादीपुर विधानसभा क्षेत्र में विजयादशमी के मौके पर बौद्ध विहार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अचानक राजनीति और भावनाओं का टकराव सामने आया। मंच पर मौजूद वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक के बीच तनातनी उस समय भड़क उठी जब बीजेपी के कादीपुर विधायक राजेश गौतम ने मंच पर खड़े एक वक्ता का माइक झट से छीना। यह नजारा कई लोगों के मोबाइल में कैद होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और विधायक ने बाद में अपनी वजह सार्वजनिक की।
विजयादशमी के मौके पर बौद्ध विहार में आयोजित कार्यक्रम में बौद्ध धर्म के समर्थक और स्थानीय लोग शामिल थे। मंच पर कादीपुर से पूर्व विधायक भगेलूराम और वर्तमान विधायक राजेश गौतम भी उपस्थित थे। इसी दौरान प्रोफेसर श्यामलाल नाम के वक्ता ने मंच से कुछ ऐसा कहा जिसे सुनते ही मौके पर मौजूद राजेश गौतम भड़क गए और उन्होंने तत्काल माइक छीन लिया। दोनों नेताओं के बीच कहासुनी और नोकझोंक होनी शुरू हो गई, जिसका वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर फैल गया।
Sultanpur, UP: During the Vijayadashami event at a Buddhist Vihar, a speaker insulted Hinduism by calling it “haraami.” BJP MLA @RajeshMLABJP, who hails from the Dalit community, was present there. He couldn’t tolerate this insult to the Bhagwa and immediately snatched the mic… pic.twitter.com/7tMVp9zlZp — Mr Sinha (@MrSinha_) October 5, 2025
घटना का वीडियो सोशल नेटवर्क्स पर तेजी से घूमा। वीडियो में विधायक का तीखा रुख और वक्ता की प्रतिक्रिया स्पष्ट दिखाई देती है। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस बहस पर अलग-अलग रुख अपना लिए- कुछ लोग विधायक की हरकत को गलत ठहराते दिखे तो कुछ ने इसे समाज की भावनाओं की रक्षा बताकर समर्थन भी किया। स्थानीय स्तर पर यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है और राजनीतिक दल भी प्रतिक्रिया देने लगे हैं।
यह भी पढ़ें: आरक्षण पर राहुल गांधी का बड़ा दांव, 50% सीमा हटाने की वकालत; कोर्ट को सीधी चेतावनी
विधायक राजेश गौतम ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि मंच पर जिस तरह भाषा और शब्दावली का प्रयोग किया गया, वह समाज को बांटने वाली थी। उन्होंने बताया कि वक्ता ने “हरामी” जैसे शब्दों का प्रयोग किया और धर्म तथा समाज के संवेदनशील मसलों पर ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। गौतम ने अपने समाज का परिचय देते हुए कहा कि वे दलित समुदाय से आते हैं और धर्म में आस्था रखने वाले व्यक्ति हैं, इसलिए किसी भी तरह के धर्म परिवर्तन या समाज को तोड़ने वाले बयान स्वीकार्य नहीं हैं।