Jaguar Land Rover में कैसे हुआ साइबर अटैक। (सौ. JLR)
Jaguar Land Rover Cyber Attack: साइबर अपराध अब आम लोगों तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि बड़ी कंपनियां भी इसका शिकार बन रही हैं। हाल ही में Tata Motors के स्वामित्व वाली लग्जरी वाहन निर्माता कंपनी Jaguar Land Rover ने खुलासा किया है कि एक बड़े साइबर हमले ने उनके उत्पादन और रिटेल कारोबार को गंभीर रूप से बाधित कर दिया है।
जैसे ही साइबर अटैक की जानकारी मिली, JLR ने तुरंत प्रभाव से नुकसान को नियंत्रित करने की कार्रवाई की। कंपनी ने IT सिस्टम को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया ताकि हमले का प्रभाव सीमित किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि उत्पादन फिर से शुरू करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए टीम तेजी से काम कर रही है।
इस साइबर अटैक का असर कंपनी के रिटेल नेटवर्क पर भी गहराई से पड़ा है। फिलहाल किसी भी ग्राहक का डेटा चोरी होने का सबूत नहीं मिला है, लेकिन उत्पादन और खुदरा गतिविधियां ठप हो गई हैं।
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब 1 सितंबर को 75 नई रजिस्ट्रेशन प्लेट्स का बैच उपलब्ध होना था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैकिंग के कारण डीलर्स नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए। नतीजतन ग्राहकों को कार डिलीवरी में देरी हुई और कंपनी का पूरा रिटेल नेटवर्क प्रभावित हो गया। इस मामले पर नेशनल क्राइम एजेंसी ने कहा है कि वे घटना से अवगत हैं और इसके प्रभाव का विश्लेषण कर रहे हैं।
अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि जेएलआर पर साइबर अटैक के पीछे कौन है। लेकिन यह कोई पहला मामला नहीं है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले Marks & Spencer और Co-op जैसी बड़ी कंपनियों पर भी साइबर हमले हो चुके हैं। इन मामलों में हैकर्स ने कंपनियों से भारी भरकम रकम वसूलने की कोशिश की थी।
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JLR ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि उनका निजी डेटा सुरक्षित है। कंपनी का फोकस फिलहाल प्रोडक्शन और रिटेल नेटवर्क को जल्द से जल्द पटरी पर लाने पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे साइबर हमले यह साबित करते हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं और साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता है।