Speed Limit भारत में कैसे ही ये जानना जरूरी है। (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: भारत जैसे विविधता से भरे देश में ट्रैफिक नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। देश में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए स्पीड लिमिट निर्धारित की गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने विभिन्न वाहनों और सड़कों के लिए अधिकतम गति सीमा तय की है।
2024 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1,53,972 लोगों की जान गई। इनमें से अधिकांश हादसे तेज रफ्तार के कारण हुए। स्पीड लिमिट लागू करके राज्य सरकारें इन आंकड़ों को घटाने की कोशिश कर रही हैं।
घनी आबादी वाले इलाकों में बच्चे, बुज़ुर्ग, दिव्यांग और पैदल यात्री बड़ी संख्या में सड़कों पर होते हैं। स्पीड लिमिट इन सभी के लिए सुरक्षा का एक मजबूत माध्यम है।
बार-बार सड़क मरम्मत कार्य के चलते कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे में सीमित गति से वाहन चलाना आवश्यक हो जाता है।
वाहन श्रेणी | एक्सप्रेसवे | चौड़ी सड़कें | शहरी क्षेत्र | अन्य सड़कें |
---|---|---|---|---|
कार (M1) | 120 किमी/घंटा | 100 | 70 | 70 |
बस/वैन (M2/M3) | 90 | 90 | 60 | 60 |
माल वाहन (N श्रेणी) | 80 | 80 | 60 | 60 |
मोटरसाइकिल | 80* | 80 | 60 | 60 |
ऑटो/क्वाड्रिसाइकिल | – | 60/50 | 50 | 50 |
*यदि एक्सप्रेसवे पर अनुमति हो।
1. केरल:
2. महाराष्ट्र:
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भारत जैसे विशाल और विविध देश में स्पीड लिमिट का पालन करना केवल एक कानूनी आवश्यकता नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना केवल जुर्म नहीं, बल्कि जीवन से खिलवाड़ है। इसलिए, सुरक्षित ड्राइविंग के लिए तय गति सीमा का पालन करें और दूसरों की जान को भी जोखिम में न डालें।