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नवभारत ऑटो डेस्क : भारत में सभी वाहन चालकों को मोटर वाहन अधिनियम के तहत बने नियमों का पालन करना पड़ता है। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे जुर्माना भुगतना पड़ता है। आपने अक्सर टूरिस्ट व्हीकल्स को देखा होगा, जिनमें लगेज रैक होते हैं क्योंकि लोग घूमने जाने वक्त अपना काफी सामान साथ लेते हैं। ऐसे वाहनों में लगेज रैक जरूरी होते हैं, लेकिन क्या आप अपनी प्राइवेट कार पर भी ऐसा रैक लगवा सकते हैं? आइए जानते हैं इस बारे में क्या कहते हैं नियम।
अगर आपने कभी सोचा है कि जब आप कहीं दूर यात्रा पर जाते हैं तो अपनी गाड़ी की छत पर लगेज रैक लगवा लें, ताकि सामान रखने में कोई परेशानी न हो, तो आपको जानकर खुशी होगी कि ऐसा करना बिलकुल सही है। मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, प्राइवेट कार पर लगेज रैक लगवाने के लिए कोई खास शर्तें नहीं हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी कार की छत पर रैक लगवा सकते हैं, और इस पर कोई जुर्माना भी नहीं लगेगा।
हालांकि, यह जरूरी नहीं कि हर राज्य में यह नियम एक जैसा हो। कुछ राज्यों में आपको अपनी प्राइवेट कार पर लगेज रैक लगाने से पहले राज्य परिवहन विभाग (आरटीओ) से अनुमति लेनी पड़ सकती है। इसके अलावा, अगर आपकी कार 10 साल से ज्यादा पुरानी है, तो आरटीओ आपको लगेज रैक लगाने की इजाजत नहीं दे सकता। इसलिए, अगर आप अपनी पुरानी कार पर लगेज रैक लगवाना चाहते हैं तो पहले आरटीओ से जानकारी ले लेना ही बेहतर रेहगा।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत यह साफ किया गया है कि प्राइवेट कार की छत पर लगेज रैक लगाना बैन नहीं है। इसका मतलब है कि कोई भी कार मालिक अपनी जरूरत और सुविधा के हिसाब से रैक का इस्तेमाल कर सकता है, बशर्ते वह आरटीओ के नियमों का पालन करें।
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