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नागपुर. लॉकडाउन की परिस्थिति में एक ओर जहां कम्पनियां लोगों को निकालने का काम कर रही हैं, दूसरी ओर वहीं वन विभाग ग्रामीण नागरिकों को रोजगार देने का काम कर रहा है. प्रादेशिक वन विभाग द्वारा किये जा रहे इस अभियान का अनेक स्तर पर सराहना की जा रही है. मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को रोजगार देने के लिए वन विभाग ने नया उपक्रम चलाया है. वन विभाग वनामृत प्रकल्प द्वारा बचत गट की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार प्रदान कर रहा है. वर्तमान में रामटेक तहसील के 9 गांवों में 20 बचत गट की करीब 200 से अधिक महिलाओं को वन विभाग ने रोजगार प्रदान किया है.
उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता संकलन में वन विभाग हर वर्ष करीब 18,000 नागरिकों को रोजगार देता है. राज्य में करीब 1.50 लाख हेक्टेयर वनक्षेत्र होने के साथ उसके आसपास कुल 533 गांव हैं. अधिकतर गांवों के नागरिकों को मुख्य व्यवसाय खेती है, लेकिन जंगल के पास स्थित गांवों की खेतों में जाकर वन्यजीव फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. इससे किसानों को और अन्य नागरिकों को भारी नुकसान हो रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए वन विभाग वनक्षेत्र अंतर्गत जैवविविधता से समृद्ध 1136 विभिन्न वनस्पतियों से खाद्य पदार्थ तैयार कर रहा है. प्रादेशिक वन विभाग में मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण पिछले 3 वर्षों में वन्यजीवों की गतिविधियों के कारण 16,000 किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है. इसी के साथ कुल 1423 पशुओं का वन्यजीवों ने शिकार किया है. वनक्षेत्रों में भारी मात्रा में गौण वनोपज निर्माण होता है. जंगलों से उनका संकलन कर विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है.
पिछले वर्ष से कर रहे काम
वनामृत अभियान को शुरू करने के लिए पिछले वर्ष ही ग्रामस्तर के महिला बचत गट की महिलाओं की सभा लेकर उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास किया गया है. कौन-से वनक्षेत्र में किस वनस्पति की तादाद अधिक है, ऐसी वनस्पतियों की रिपोर्ट तैयार की गई है. इसके अलावा बाजारों में उस वनस्पति की कीमतों का अध्ययन कर उसकी डिमांड के आधार पर बचत गट महिलाओं की मदद से वस्तुओं को तैयार किया जा रहा है. वनक्षेत्रों से निकलने वाले आंवला, बेल, इमली, जामुन, मोहा, निम, सीताफल आदि वनस्पतियों से वन विभाग ज्यूस, मुरब्बा, जाम, पावडर, लड्डू आदि खाद्य पदार्थों का निर्माण कर रहा है.
नैसर्गिक प्रक्रिया से किया तैयार
उपवनसंरक्षक प्रभुनाथ शुक्ला ने बताया कि ग्रामीण नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वनामृत प्रकल्प की शुरुआत की गई है. गत वर्ष ही इसकी शुरुआत की गई थी किंतु महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए समय लगने के कारण इस वर्ष इसे मार्केट में लान्च किया गया है. वनामृत के सभी प्राडक्ट नैसर्गिक है. इसमें किसी भी प्रकार के कोई भी केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है. आम नागरिक वन विभाग द्वारा जारी किए गए संपर्क क्रमांक 07972368008 और www.vanamrut.com वेबसाइट पर प्रोडक्ट आर्डर कर सकते हैं.