AI Scam में क्या हुआ खास। (सौ. Freepik)
AI Scam India: भारत में साइबर ठगी के नए हथकंडे लगातार सामने आ रहे हैं। अब स्कैमर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल करके लोगों की सालों की जमा पूंजी पलभर में साफ कर रहे हैं। वॉइस क्लोनिंग, डीपफेक वीडियो और ओटीपी फ्रॉड जैसे तरीके आम नागरिकों को जाल में फंसा रहे हैं। हाल ही में हैदराबाद की 72 वर्षीय महिला से 1.97 लाख रुपये इसी तकनीक के जरिए ठग लिए गए।
महिला को WhatsApp पर अमेरिका में रहने वाले रिश्तेदार का मैसेज आया, जिसमें तुरंत पैसे की जरूरत बताई गई। फोन कॉल पर परिचित आवाज सुनकर उन्होंने भरोसा किया और Google Pay से रकम ट्रांसफर कर दी। बाद में पता चला कि यह एआई वॉइस क्लोनिंग स्कैम था। पुलिस के अनुसार, “स्कैमर्स ने पीड़िता के रिश्तेदार की आवाज को हूबहू कॉपी करने के लिए एआई का सहारा लिया।” फिलहाल साइबर क्राइम टीम इस मामले में डिजिटल सबूतों की जांच कर रही है।
साइबर पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे मामलों में तुरंत वीडियो कॉल के जरिए पहचान की पुष्टि करनी चाहिए। WhatsApp पर Two-Factor Authentication ऑन करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
McAfee की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 83% लोग एआई वॉइस स्कैम का शिकार होकर आर्थिक नुकसान झेल चुके हैं। इनमें से 48% ने 50,000 रुपये से अधिक गंवाए हैं। 69% लोग एआई से बनी नकली आवाज और असली आवाज में फर्क नहीं कर पाते। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में इस तरह के फ्रॉड के मामले ग्लोबल औसत से लगभग दोगुने हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि AI स्कैम तेजी से इसलिए फैल रहे हैं क्योंकि ये इंसानों की डर, भरोसा और जल्दबाजी जैसी कमजोरियों को निशाना बनाते हैं। स्कैमर्स इंटरनेट से व्यक्तिगत डेटा लेकर डीपफेक वीडियो और वॉइस क्लोन तैयार कर ठगी को अंजाम देते हैं।
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