जानिए क्या रहेगा चंद्र ग्रहण की तिथि और समय (सौ.सोशल मीडिया)
Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर,रविवार को साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्रग्रहण पूरी तरह भारत सहित अलग-अलग देशों में भी देखा जा सकता है। गौरतलब है कि, यह ग्रहण भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा के दिन लग रहा है। इस चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की प्रच्छाया से पूर्ण रूप से छिप जायेगा।
इस दौरान जब सूरज की रोशनी पृथ्वी के वातावरण से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती है, तो चंद्रमा का केवल वही हिस्सा चमकता है। इस वजह से चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देता है, जिसे ब्लड मून के नाम से जाना जाता है।
ग्रहण का स्पर्श (आरंभ)- रात्रि 9:57 बजे
ग्रहण का मध्य- रात्रि 11:41 बजे
ग्रहण का मोक्ष (समापन)- रात्रि 1:27 बजे (8 सितंबर)
इस दौरान सूतक काल 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:57 बजे से शुरू होकर 1:27 बजे तक प्रभावी रहेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 7 सितंबर को लगने वाला है यह चंद्रग्रहण भारत सहित इन देशों में भी देखा जा सकता हैं। एशिया, पूर्वी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के अधिकांश भागों से देखा जा सकता है।
साथ ही सिंगापुर, सिडनी, मेलबर्न, दुबई, लन्दन, टोक्यो और केप टाउन कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहां पूर्ण चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा।
भारत में कहां-कहां दिखेगा चंद्रग्रहण
नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ में चंद्र ग्रहण नजर आएगा।
धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि चंद्रग्रहण को धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता।
सूतक काल में मंदिरों के पट बंद रहते हैं और पूजा-पाठ निषेध होती है।
8 सितंबर की सुबह स्नान-दान के बाद मंदिरों के पट खोले जाएंगे।
इस बार चंद्र ग्रहण पितृपक्ष के पहले दिन यानी भाद्रपद पूर्णिमा पर लग रहा है, इसलिए आचार्यों के अनुसार श्राद्ध कर्म और पितृ तर्पण ग्रहण से पहले ही कर लेना चाहिए।
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ तो कुछ के लिए अशुभ फलदायी हो सकता है। ग्रहण के समय किया गया जप-तप और दान कई गुना फल देता है।
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इस वर्ष पितृपक्ष का समापन भी खगोलीय दृष्टि से विशेष रहेगा। 21 सितंबर 2025 को महालया अमावस्या पर सूर्यग्रहण लगेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण का यह संयोग दुर्लभ माना जा रहा है।