नई दिल्ली : दिन विशेष जो भी हम मनाते है, उस दिन का एक खास महत्व होता है, इसके पीछे कई कारण होते है। वैसे ही आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है। हथकरघा दिवस मनाने की शुरुआत 7 अगस्त 2015 से हुई है। साल 2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त 2015 को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की घोषणा की थी। आज इस खास अवसर पर हथकरघा के बारे में कुछ खास जानकारी आपको दे रहे है। तो चलिए जानते है इसके बारे में…..
राष्ट्रिय हथकरघा दिवस मनाने का एक खास उद्देश्य है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लघु और मध्यम बुनकरों को प्रोत्साहित करना और उनका महत्व बढ़ाना है। इस साल यानी 2021 को सातवां हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन देश के हथकरघा बुनकरों का सम्मान किया जाता है साथ ही हथकरघा उद्योग के बारे में अधिक जागरूकता लाई जाती है।
जो भी हम दिन मनाते है इसके पीछे कुछ न कुछ रोचक इतिहास छिपा हुआ होता है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का भी एक इतिहास है। आपको बता दें कि हथकरघा उद्योग के महत्व को बढ़ाने के लिए और इस बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथरखा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। 1905 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल का विभाजन हो रहा था।
उसी वक्त विभाजन का विरोध करने के लिए कोलकाता के टाउन हॉल में स्वदेशी आंदोलन के लिए राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में चुना गया था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य घरेलुन उत्पादनों और उद्योग प्रक्रिया को पुनर्जीवित करना था और देश के विकास में इसका योगदान बढ़ाना था।