कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
नवभारत डिजिटल डेस्क. जहां एक तरफ भारत और कनाडा (India-Canada Tension) के बीच अब डिप्लोमैटिक विवाद बढ़ता ही चला है। इसके साथ ही कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाते हुए हमारे एक डिप्लोमैट को निकाल दिया। जैसे को तैसा वाले जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक डिप्लोमैट को भारत से एक्सपेल कर दिया।
वहीं इसके बाद बीते मंगलवार रात को कनाडा सरकार के हवाले से कहा गया कि कनाडा ने जम्मू और कश्मीर में सिक्योरिटी की हालात को देखते हुए उसके नागरिकों से वहां न जाएँ। दरअसल वहां टेरेरिज्म और किडनैपिंग का खतरा है। वहीं इसके अलावा असम और मणिपुर में भी उनके नागरिकों को न जाने की सलाह दी गई है।
हालांकि दूसरी तरफ कनाडा के सबसे बड़े अखबार ‘टोरंटो स्टार’ ने ट्रूडो का एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया कि, कनाडा की सरकार भारत के साथ तनाव नहीं बढ़ाना चाहती, लेकिन भारत को इन मुद्दों को अब और भी गंभीरता से लेना होगा।
#WATCH | Ottawa: Prime Minister of Canada Justin Trudeau says, “The government of India needs to take this matter with the utmost seriousness. We are doing that, we are not looking to provoke or escalate, we are simply laying out the facts as we understand them and we want to… pic.twitter.com/NyJbdxVJm6
— ANI (@ANI) September 19, 2023
विपक्ष ट्रूडो के खिलाफ
इधर भारत के टकराव के मुद्दे पर अब खुद कैनेडियन अपोजिशन प्रधानमंत्री ट्रूडो से दूरी बनाता नजर आ रहा है। यहां के अपोजिशन लीडर पियरे पोएलिविर ने सोशल मीडिया पर साफ़ -साफ़ कहा कि, “हमारे प्रधानमंत्री को साफ और सीधी बात करनी चाहिए। अगर उनके पास सबूत हैं तो वो जनता के सामने रखें। ऐसा होगा तभी तो लोग फैसला ले सकेंगे कि कौन सही और कौन गलत। लेकिन हैरानी तो यह है कि ट्रूडो कोई फैक्ट्स ही सामने नहीं रख रहे। बस खानापूर्ति के लिए उनकी तरफ से सिर्फ स्टेटमेंट्स ही सामने आ रहे हैं, ये तो कोई दूसरा भी कर सकता है।”
वहीं भारत और केंद्रीय सरकार ने कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इस बाबत विदेश मंत्रालय ने कहा- “कनाडा के सभी आरोप पूरी तरह से निराधार और बेतुके हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो ने हमारे PM मोदी के सामने भी रखे थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था।”
कहा गया की। इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश है। जिन्हें इस समय कनाडा में पनाह दी गई है। जो फिलहाल भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं।