तस्वीर में पीएम मोदी और जो बाइडन
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शनिवार से शुरू होने वाली तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के वास्ते सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा, यूक्रेन और गाजा में संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने और ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को दूर करने पर केंद्रित होगी।
मोदी, डेलावेयर के विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करेंगे, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाली शीर्ष अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन तथा कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले विलमिंगटन पहुंचेंगे जहां वह 21 सितंबर को क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ शामिल होंगे। विलमिंगटन बाइडन का गृहनगर है। मोदी तीनों क्वाड देशों के नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
गाजा और यूक्रेन में संघर्षों पर विचार-विमर्श
क्वाड शिखर सम्मेलन में गाजा और यूक्रेन में संघर्षों पर विचार-विमर्श के अलावा हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कई नयी पहल की घोषणाएं की जाएगी।
क्वाड शिखर सम्मेलन में इन मुद्दों पर होगी बात
क्वाड नेता कैंसर का रोगियों और उनके परिवारों पर प्रभाव, इस बीमारी को रोकने, पता लगाने, उपचार करने और इसे कम करने के लिए एक नई महत्वकांक्षी योजना शुरू करेंगे। मिस्री ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी नेता स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, आतंकवाद विरोधी और मानवीय सहायता पर चर्चा करेंगे।
विशेष ध्यान दिया जाएगा
मिस्री ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेता स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, संपर्क, आतंकवाद-निरोध और मानवीय सहायता पर चर्चा करेंगे।
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मिस्री ने यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में शांति-निर्माता के रूप में भारत की संभावित भूमिका के बारे में पूछे गए एक सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि नयी दिल्ली इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण साझेदारों और नेताओं के साथ कई बातचीत में शामिल है। उन्होंने कहा कि हम इस समय कई महत्वपूर्ण साझेदारों और नेताओं के साथ कई बातचीत में शामिल हैं। ये बातचीत अभी प्रगति पर हैं और हम आपको सही समय पर इस बातचीत के परिणामों के बारे में जानकारी देंगे। (एजेंसी)