ईरान पर हमले को लेकर नेतन्याहू ने ट्रंप की तारीफ की (फोटो- सोशल मीडिया)
तेल अवीव: इजराइल-ईरान जंग में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बम बरसाकर इसका ऐलान किया है। इसी बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के इस फैसले की जमकर तारीफ की है। उन्होंने इसे इतिहास बदलने वाला कदम बताया है।
अमेरिका ने रविवार की सुबह करीब 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हवाई हमला किया है। अमेरिका ने इसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए की गई कार्रवाई करार दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अब उसे शांति समझौता कर लेना चाहिए, नहीं तो वह इससे बड़े हमले करेंगे।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले का स्वागत किया है। एक वीडियो संदेश में नेतन्याहू ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप को बधाई। आपने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका की जबरदस्त और न्यायसंगत ताकत का इस्तेमाल करते हुए जो साहसिक कदम उठाया है, वह इतिहास को नया मोड़ देगा। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं कि शक्ति से ही शांति आती है। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने जानकारी दी थी कि ईरान के फोर्डो ठिकाने पर छह बंकर-बस्टर बम गिराए गए, जबकि अन्य परमाणु स्थलों पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं।
سالها گفت «نه جنگ، نه مذاکره»
اما هم مذاکره کرد، هم جنگ آورد
هستهای نابود شد، سرداران یکییکی کشته شدن، مردم در فقر، خودش در پناهگاه
اسرائیل دشمن ما نبود؛ دشمن آن بود که ایران را به خاک سیاه نشاند
مردم بیدارند#Fordo #FordowAttack #IranianStandWithIsrael pic.twitter.com/wODmDGqReV— انجمن شیروخورشید (@lionandsunca) June 22, 2025
नेतन्याहू ने कहा, “ऑपरेशन राइजिंग लायन में इजराइल ने निश्चित रूप से उल्लेखनीय कार्य किए हैं, लेकिन आज रात ईरान की परमाणु सुविधाओं के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई वास्तव में अद्वितीय रही। अमेरिका ने वह कर दिखाया जो शायद दुनिया का कोई और देश नहीं कर सकता था। इतिहास यह याद रखेगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन और उनके सबसे घातक हथियारों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाया।”
ईरान-इजराइल जंग में अमेरिका की एंट्री, तीन न्यूक्लियर साइट्स पर एयर स्ट्राइक
ईरान ने अमेरिका द्वारा किए गए हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन करार दिया है। एक आधिकारिक बयान में ईरान ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में चल रही गतिविधियों के बावजूद किया गया, और इसमें एजेंसी की चुप्पी या संभावित सहयोग भी शामिल था। ईरान ने कहा कि अमेरिका ने स्वयं पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के माध्यम से इन हमलों की जिम्मेदारी ली है, जबकि जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, वे IAEA की निगरानी में थे और किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन नहीं कर रहे थे।