डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन (फोटो- सोशल मीडिया)
Trump Putin Alaska Meet: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने विवादास्पद और बड़बोले स्वभाव के लिए दुनियाभर में चर्चित हैं। एक बार फिर उनका यही अंदाज़ सुर्खियों में है। ट्रंप जल्द ही यूक्रेन युद्ध के मसले पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मुलाकात करने वाले हैं। इस बैठक को लेकर उन्होंने कहा है कि उन्हें पुतिन से मिलते ही दो मिनट में यह समझ आ जाएगा कि कोई समझौता संभव है या नहीं।
ट्रंप और पुतिन के बीच इस शुक्रवार यानी 15 अगस्त हो अलास्का में अहम बैठक होने वाली है। जैसे-जैसे मुताकात की तारीख पास आ रही है यूक्रेन समेत पूरी दुनिया की नजर इस पर टिक गई है। माना जा रहा है कि यह बैठक तीन साल से भी ज्यादा समय से चलते आ रहे इस युद्ध का भविष्य तय कर सकती है। ऐसे में ट्रंप की ओर ये इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर उनकी आलोचना हो रही है।
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने पुतिन के साथ होने वाली बैठक को एक फील-आउट मीटिंग करार दिया, जिसमें माहौल को समझने और किसी संभावित नतीजे तक पहुंचने या नहीं पहुंचने का उम्मीद जताई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वार्ता अच्छी भी हो सकती है और बुरी भी। ट्रंप ने इस बातचीत में युद्धविराम की संभावना को लेकर आशा जताई और कहा कि उन्हें पहले ही दो मिनट में यह पता चल जाएगा कि डील होगी या नहीं।
इस बीच, अमेरिका के अलास्का में प्रस्तावित ट्रंप-पुतिन शिखर वार्ता को लेकर डोनबास क्षेत्र के लोगों में गहरी चिंता है। इस बैठक में डोनबास के कुछ हिस्सों के बदले युद्धविराम की चर्चा की जा रही है, जिससे स्थानीय नागरिकों में डर का माहौल है। नाटो के राजदूत ने भी इस वार्ता को लेकर चिंता जताई है, यह कहते हुए कि सारा दबाव केवल यूक्रेन पर डाला जा रहा है, जबकि रूस पर किसी तरह की वास्तविक सख्ती नहीं दिख रही।
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इस बैठक को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की बैचेनी को बढ़ा दिया है। जेलेंस्की इस बैठक से खुश नहीं है उनका मानना है कि इसमें यूक्रेन के हितों को नजरअंदाज किया जा सकता है। वहीं, जर्मनी, ब्रिटेन फ्रांस समेत अन्य यूरोपीय प्रमुखों ने संयुक्त बयान में कहा- शांति का मार्ग सिर्फ यूक्रेन की भूमिका के साथ ही संभव है और अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बल के आधार पर नहीं बदली जानी चाहिए।