
अमेरिकी संसद में गूंजा आतंकी खतरा (सोर्स-सोशल मीडिया)
Digital Radicalization US Intelligence: अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान एक गंभीर चेतावनी जारी की है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय ISIS और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन अब अमेरिका के लिए सीधा खतरा बन गए हैं। ये समूह अब पारंपरिक हमलों के बजाय ‘डिजिटल कट्टरपंथ’ का रास्ता अपना रहे हैं। इस नई रणनीति का उद्देश्य अमेरिकी धरती पर ही मौजूद लोगों को उकसाकर हिंसक वारदातों को अंजाम देना है।
नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर (NCTC) के निदेशक जोसेफ केंट ने बताया कि दक्षिण एशिया, विशेषकर अफगानिस्तान में बढ़ती अस्थिरता ने आतंकी समूहों को फिर से फलने-फूलने का मौका दिया है। अब ये संगठन सुनियोजित ‘टेरर सेल’ भेजने के बजाय ऑनलाइन प्रचार और एन्क्रिप्टेड संदेशों का उपयोग कर रहे हैं। इस ‘डिजिटल कट्टरपंथ’ के जरिए वे विदेशों में बैठे लोगों के दिमाग में नफरत भर रहे हैं ताकि वे अपने ही देश में हमला कर सकें।
सुरक्षा अधिकारियों ने ‘लोन वुल्फ’ हमलों को सबसे बड़ी चुनौती बताया है। इसमें कोई आतंकी संगठन सीधे तौर पर आदेश नहीं देता, बल्कि उनकी विचारधारा से प्रभावित व्यक्ति स्वतंत्र रूप से हमला करता है। जोसेफ केंट के अनुसार, यह एक ‘प्रेरणा आधारित’ पद्धति है जिसमें हमलावर को डिजिटल माध्यमों से तैयार किया जाता है। FBI ने भी पुष्टि की है कि विदेशी आतंकी संगठनों से प्रेरित होकर अमेरिका के भीतर ही मौजूद व्यक्ति आज सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा बन गए हैं।
सुनवाई के दौरान अफगानिस्तान से अमेरिकी निकासी के समय हुई सुरक्षा जांच (Vetting) की विफलताओं पर भी चर्चा हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, आपातकालीन कार्यक्रमों के तहत अमेरिका में प्रवेश करने वाले कुछ ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गई है जिनके संबंध बाद में ISIS और अल-कायदा जैसे समूहों से पाए गए। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि अगर सुरक्षा जांच सामान्य परिस्थितियों में हुई होती, तो ऐसे संदिग्ध लोगों को देश में कभी प्रवेश की अनुमति नहीं मिलती।
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इस गंभीर सुरक्षा चर्चा के बीच राजनीतिक माहौल भी गरमा गया। भारतीय-अमेरिकी सांसद श्री थानेदार और होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम के बीच आव्रजन नियमों को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। थानेदार ने नोएम पर कांग्रेस को गुमराह करने और शपथ लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया। हालांकि, नोएम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनका विभाग सभी अदालती आदेशों का पालन कर रहा है। इस बहस ने सुरक्षा के मुद्दे के साथ-साथ अमेरिकी प्रशासन के आंतरिक मतभेदों को भी उजागर कर दिया।






