UK ने सख्त किए वीजा नियम, फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की नई सरकार ने इमिग्रेशन प्रणाली में बड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य देश में आने वाले प्रवासियों की संख्या को नियंत्रित करना, योग्य और कुशल कामगारों को प्राथमिकता देना तथा विदेशी श्रमिकों पर निर्भरता को कम करना है। संसद के निचले सदन में इस विषय पर पहली बार श्वेत पत्र पेश किया गया है, जिसे UK की इमिग्रेशन नीति में मूलभूत परिवर्तन लाने वाला कदम बताया जा रहा है। इस नियम को 22 जुलाई 2025 से लागू किया जाएगा।
ब्रिटेन की आप्रवासन प्रणाली में इस साल के अंत तक नए नियम लागू किए जाएंगे, जो श्वेत पत्र में की गई सिफारिशों पर आधारित हैं। इन बदलावों के तहत, कुशल श्रमिक वीजा के लिए योग्य व्यवसायों की सूची से 100 से अधिक पेशों को हटा दिया जाएगा। साथ ही, कौशल स्तर और वेतन संबंधी आवश्यकताएं बढ़ाई जाएंगी। विदेशी सामाजिक देखभाल कर्मियों के लिए वीजा मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, वीजा आवेदकों के लिए अंग्रेजी भाषा की योग्यता को और सख्त बनाया जाएगा।
ब्रिटिश गृह सचिव यवेट कूपर ने कहा कि नए नियमों का उद्देश्य स्थानीय नागरिकों के लिए अवसरों को बढ़ाना है। इन बदलावों के चार मुख्य बिंदु हैं:
ब्रिटिश सरकार का कहना है कि ये नए नियम इमिग्रेशन प्रणाली पर नियंत्रण मजबूत करने और स्थानीय कार्यबल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किए जा रहे हैं। चूंकि ब्रिटेन में भारतीय समुदाय की एक बड़ी आबादी निवास करती है और वहां रोजगार के लिए भी अक्सर जाती है, इसलिए यह नीति भारतीयों के लिए चुनौतियां पैदा कर सकती है।
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यवेट कूपर ने स्पष्ट किया कि सरकार आव्रजन प्रक्रिया में संतुलन और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधार कर रही है। कपूर ने कहा कि पिछली सरकार की नीतिगत निर्णयों के चलते अहम बदलाव करने पड़े। उन्होंने कहा कि पिछली ब्रिटिश सरकार ने प्रवासियों की संख्या को चार गुना तक बढ़ा दिया था, जिससे पूरी प्रणाली गड़बड़ा गई।