
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स- सोशल मीडिया)
Trump Signs NDAA 2026: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (NDAA 2026) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस नए कानून का मुख्य मकसद हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है। इसके तहत अमेरिका हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की सैन्य और कूटनीतिक गतिविधियों का मुकाबला करेगा। यह कानून नेशनल सिक्योरिटी खर्च के लिए 890 बिलियन डाॅलर की मंजूरी देता है।
इस कानून में एक नया पद ‘Ambassador-at-Large’ (विशेष राजदूत) बनाया गया है, जो अमेरिकी विदेश विभाग के तहत काम करेगा। यह राजदूत हिंद महासागर के देशों के साथ कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा। उनका मुख्य कार्य चीन की चालों को पहचानना और उन्हें नाकाम करना होगा।
नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट पर हस्ताक्षर करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि, यह एक्ट “युद्ध विभाग को मेरे ‘शांति शक्ति से’ एजेंडे को पूरा करने, देश को घरेलू और विदेशी खतरों से बचाने तथा रक्षा उद्योग आधार को मजबूत करने में मदद करेगा।” साथ ही उनके प्रशासन के दर्जन भर से ज्यादा कार्यकारी कार्रवाइयों को कानूनी रूप देगा।
इस कानून में यह भी प्रावधान है कि चीन की सैन्य कंपनियां तीसरे देशों के माध्यम से अमेरिकी प्रतिबंधों से बच नहीं सकेंगी। साथ ही, चीन के सिविल न्यूक्लियर सेक्टर और न्यूक्लियर सप्लाई चेन पर भी अमेरिका निगरानी रखेगा। इसके अलावा यह कानून भारत के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैन्य संबंधों को बढ़ाने, सैन्य अभ्यासों में ज्यादा भागीदारी, रक्षा व्यापार बढ़ाने तथा मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया में अधिक सहयोग पर जोर देता है।
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इसके अलावा, ‘पैसिफिक डिटरेंस इनिशिएटिव’ के लिए फंडिंग बढ़ा दी गई है, जिसका मतलब है कि अमेरिका हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक अपनी सैन्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयारियों को मजबूत करेगा। भारत के लिए, NDAA 2026 में हिंद महासागर को प्रमुख स्थान देना एक बड़ी जीत मानी जा रही है। अमेरिका अब इस क्षेत्र में अपने सहयोगियों, खासकर भारत के साथ, समुद्री निगरानी बढ़ाएगा और सैन्य अभ्यास को और विस्तृत करेगा। इसके साथ ही, इंटेलिजेंस शेयरिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस नए कानून से भारत को सुरक्षा और विकास में बेहतर सहयोग मिलेगा।






