नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: बलूचिस्तान में पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। यह हमला बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) ने किया, जिसने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर पाक सरकार को हिला दिया। हालांकि, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने सभी बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया, लेकिन इस घटना ने गंभीर खतरे का संकेत दे दिया है। बीएलए की यह कार्रवाई न सिर्फ पाकिस्तान के लिए बल्कि चीन के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। इस हमले से पाक सरकार और चीन दोनों को बीएलए की बढ़ती ताकत और इरादों का एहसास हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दिनों में बीएलए द्वारा किए गए हमलों ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है, जिससे न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन भी चिंतित है। इन हमलों ने बलूचिस्तान में चीन के हितों को भी प्रभावित किया है। बीएलए ने एक साथ दो निशाने साधे हैं पहला, पाकिस्तान अब इस संगठन को हल्के में नहीं लेगा, और दूसरा, चीन को भी बलूचिस्तान में अपने कदम सावधानी से रखने होंगे।
बलूचिस्तान में चीन ने भारी निवेश किया है, जिसमें न्यू ग्वादर एयरपोर्ट और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं। हालांकि, इस अशांत क्षेत्र में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के हमले पाकिस्तान और चीन, दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, CPEC में चीन के महत्वपूर्ण निवेश को निशाना बनाने वाले इन हमलों से पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियां उजागर हो रही हैं। लगातार हो रहे हमलों से न केवल चीनी कामगारों और परियोजनाओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है, बल्कि CPEC में देरी की संभावना भी बढ़ गई है। यह परियोजना चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक अहम हिस्सा है, और इसके बाधित होने से बीजिंग की चिंताएं बढ़ना तय है।
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बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) हाल के हमलों में लगातार चीनी कामगारों, काफिलों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को निशाना बना रही है, जिससे चीन के निवेश और उसके नागरिकों की सुरक्षा पर सीधा खतरा मंडरा रहा है। जाफर एक्सप्रेस की हाईजैकिंग ने बीएलए की बढ़ती ताकत और संगठित रणनीति को उजागर किया है। इस घटना से यह साफ है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने निवेश और परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित होंगे।
बीएलए के पास करीब 5,000 लड़ाकों की एक मजबूत ब्रिगेड है, जो आधुनिक हथियारों से लैस है। खासकर, 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान को मिले अमेरिकी हथियार भी उनके हाथ लग चुके हैं। इससे उनकी ताकत और बढ़ गई है, जिससे चीन की चिंता और भी वाजिब हो जाती है।
2018 के बाद से बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने खुद को मजबूत किया है, खासकर आत्मघाती बम धमाकों जैसी रणनीतियों को अपनाकर, जो आमतौर पर कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं। संगठन ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए महिलाओं की भर्ती भी शुरू कर दी है।
BLA के बढ़ते हमलों के चलते पाकिस्तान दहशत में है और अब तक इस संगठन को रोकने में नाकाम रहा है। हाल के दिनों में बलूचिस्तान में हुए अधिकतर हमलों के पीछे इसी संगठन का हाथ बताया जा रहा है।
बलूचिस्तान को प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर क्षेत्र माना जाता है, जिसे “सोने की चिड़िया” कहा जाता है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा इसी इलाके के संसाधनों पर निर्भर है। हालांकि, BLA और बलूच राष्ट्रवादी समूहों का मानना है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र का शोषण कर रहा है। यही कारण है कि BLA लंबे समय से एक स्वतंत्र बलूच राष्ट्र की मांग कर रहा है।