डोनाल्ड ट्रंंप, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: अमेरिका में ट्रंप प्रशासन को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। 6 जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर हुए हमले का मामला दोबारा सुर्खियों में आ गया है। इस हमले में शामिल ट्रंप समर्थकों के खिलाफ मुकदमा लड़ने वाले अभियोजक माइकल गॉर्डन ने अपनी बर्खास्तगी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है। जिसको लेकर उन्होंने गुरुवार को संघीय सरकार, न्याय विभाग और राष्ट्रपति कार्यालय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।
गॉर्डन का आरोप है कि उन्हें 27 जून को बिना किसी ठोस वजह के पद से हटा दिया गया, जबकि उनका प्रदर्शन बेहतरीन था। उनका दावा है कि यह कार्रवाई उन्होंने ट्रंप समर्थकों के खिलाफ जो कानूनी कदम उठाए, उसी का बदला है। इस मामले में उनके साथ दो अन्य पूर्व अधिकारी पेट्रीसिया हार्टमैन और जोसेफ टिरेल भी वादी बने हैं।
हार्टमैन कोलंबिया जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय में पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर थे, जबकि टिरेल न्याय विभाग के एथिक्स डिवीजन के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। ये तीनों ऐसे पहले लोग हैं जिन्होंने खुलकर मुकदमा दर्ज किया है, जो जनवरी 2025 में ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद न्याय विभाग में कथित राजनीतिक हस्तक्षेप से संबंधित है। गार्डन (47) ने बताया कि उन्हें नौकरी से निकाले जाने से महज दो दिन पहले एक परफॉर्मेंस रिपोर्ट दी गई थी, जिसमें उन्हें सर्वोच्च रेटिंग दी गई थी।
गार्डन को एक पेज का बर्खास्तगी पत्र मिला, जिस पर न्याय विभाग की शीर्ष अधिकारी पाम बॉन्डी के हस्ताक्षर थे। हालांकि, उन्हें हटाने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। गॉर्डन वर्ष 207 में अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़े थे और उन्होंने कहा कि कैपिटल हिल हमले की ऐतिहासिक जांच में शामिल होना उनके लिए गर्व की बात थी। यह जांच न्याय विभाग के इतिहास की सबसे बड़ी आपराधिक पड़तालों में से एक मानी जाती है।
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गॉर्डन द्वारा किया गया यह मुकदमा न्याय विभाग में संभावित राजनीतिक दबाव और प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की ओर संकेत करता है। ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद, विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों को या तो हटा दिया गया, पदावनत कर दिया गया या इस्तीफा देने के लिए बाध्य किया गया।